पटनाः सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले में समान वेतन देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है।
नियोजित शिक्षकों को लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार था। शिक्षकों से जुड़े इस बड़े फैसले में जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने अंतिम सुनवाई पिछले साल तीन अक्तूबर को की थी जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने का फैसला सुनाया था।
पटना हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं केंद्र सरकार भी नियोजित शिक्षकों को समान वेतन देने के फैसले पर सहमत नहीं थी। कोर्ट के इस फैसले का असर राज्य के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों और उनके परिवारों पर पड़ेगा।