पोटका विधानसभा में नारियल तो खूब फूटे उद्घाटन कितने का हुआ ?
पोटका विधानसभा का एक बड़ा हिस्सा बागबेड़ा की गिनती ना तो शहरों में होती है और ना ही ग्रामीण क्षेत्रों में यहां समस्याओं का अंबार है
धीरज कुमार सिंह
विधानसभा चुनाव 2024 के मतदान के पूर्व चौक चौराहों पर विधायक के कार्यों की होने लगी समीक्षा सभी राजनीतिक दल कर रहे हैं जीत के बड़े-बड़े दावे
ऐसे में विधायक के कार्यों की चाय और पान दुकान पर चर्चा ना हो यह संभव नहीं . पोटका विधानसभा का नाम झारखंड के मानचित्र पर पहले पायदान पर आता है क्षेत्र में अब चर्चा होने लगी है कि झामुमो विधायक संजीव सरदार ने अपने कार्यकाल के दौरान खूब नारियल फोड़ी परंतु किसी भी योजना का उद्घाटन शायद नहीं हो पाया सड़कों का हाल बुरा है पोटका विधानसभा का एक बड़ा हिस्सा बागबेड़ा की गिनती ना तो शहरों में होती है और ना ही ग्रामीण क्षेत्रों में यहां समस्याओं का अंबार है कचरो का निष्पादन के लिए भी लोग तरसते हैं
पोटका विधानसभा क्षेत्र में बागबेड़ा ग्रामीण वृहद जिला पूर्ति योजना अभी भी अधर में है जबकि इस योजना को 2018 में पूरा होना था लेकिन स्थानीय जन प्रतिनिधि की चुस्ती और सुस्ती का दंश क्षेत्र की जनता को झेलना पड़ता है 5 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बूढ़े बुजुर्ग सुबह से शाम बाल्टी और गैलन लेकर पानी की तलाश में भटकते हैं विधायक से लोगों को काफी उम्मीद थी क्योंकि उनका नारा है जल जंगल जमीन की रक्षा करना पहला कर्तव्य ये अब इतिहास बन गया जल भी नहीं है जंगल की कटाई होकर मकान बन रहे हैं जमीन का अतिक्रमण हो चुका है तो ऐसे में क्षेत्र में जनता कैसे खुश रहेगी शांति से रहेगी ये सवाल अब तैरने लगे हैं कहीं ना कहीं वोट देना है किसे दे मतदाता संजीव सरदार से नाराज हैं और नाराजगी जाहिर भी कर रहे हैं सड़क की दुर्दशा राष्ट्र संवाद में पहले भी लिखा है इस विधानसभा की सड़क विकास की सच्ची तस्वीर दिखाती है
बीजेपी के कई नेताओं ने पोटका विधायक और राज्य के गठबंधन सरकार पर जोरदार हमला बोला है उन्होंने कहा की पोटका विधानसभा क्षेत्र में विकास के नाम सिर्फ नारियल फोड़ा गया है साथ ही कहा है कि न ही हॉस्पिटल है न स्कूल में शिक्षक है इस बार पोटका और राज्य में परिवर्तन होना तय है
2019 जनता जनार्दन इस राज्य में सरकार को चुना था साथ साथ पोटका विधानसभा का स्थानीय विधायक से बड़ी उम्मीद लगाकर भोली भाली जनता ने विधायक चुना था और सोचा था कि युवा लड़का काम करेगा ,आदिवासी भाई – बहन को आगे लाएंगे लेकिन इस युवा विधायक जब से चुन के आए तब से अपने भाई , बंधू , साला में सिमट कर रह गए शिलान्यास तो हुए परंतु आज तक उद्घाटन नहीं हुए