Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » लालू यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी तो नीतीश कुमार तो नीतीश कुमार हैं
    Breaking News Headlines बिहार मुजफ्फरपुर राजनीति राष्ट्रीय समस्तीपुर

    लालू यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी तो नीतीश कुमार तो नीतीश कुमार हैं

    News DeskBy News DeskJanuary 25, 2024Updated:January 25, 2024No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

    लालू यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी तो नीतीश कुमार तो नीतीश कुमार हैं

    चंदन प्रसाद शर्मा

    सर्दी के मौसम में बिहार में सियासत हलचल इतनी गरम है कि कभी भी सियासी चौखट पर कुछ भी देखने को मिल सकता है अगले कुछ घंटे में सियासत में भूचाल आने के संकेत और साफ दिखने लगे हैं आज अगर पूरे घटनाक्रम पर नजर डालेंगे तो उससे साफ झलक रहा है कि राजद और जदयू के बीच सब कुछ ठीक नहीं है रोहनी आचार्य के ट्वीट के बाद मामला और बिगड़ गया राजद और जदयू के नेता एक दूसरे पर हमलावर दिखे लालू यादव राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी हैं जबकि नीतीश कुमार हवा की रुख देखकर अपने आप को ढाल लेते हैं कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि महा गठबंधन के प्राण निकलने वाले हैं!

     

     

    बिहार में बाहर है, यहां नीतीश कुमार है’, यह नारा पिछले कई वर्षों से राज्य की राजनीति में चला आ रहा है। कहा जाता रहा है कि यहां चुनाव में कोई भी जीते, लेकिन सीएम की कुर्सी पर तो केवल और केवल नीतीश कुमार ही बैठेंगे। यह बात सच भी है। नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए और सात दिन के अंदर ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

    इसके बाद नवंबर 2005 से राज्य के मुखिया की कुर्सी पर बैठे और तब से बैठे हुए हैं। हालांकि बीच में कुछ समय के लिए जीतन राम मांझी भी मुख्यमंत्री बनाए गए थे, लेकिन असली पॉवर उन्हीं के ही हाथ में थी। हालांकि इन 19 वर्षों में एक बात यह भी समान रही है कि नीतीश कुमार ने कई बार अपने मन बदला है। उन्होंने अपने साथी बदले हैं, लेकिन बस उन्होंने अपना पद नहीं बदला। उनके नाम के आगे हमेशा ही मुख्यमंत्री लगा ही रहा। अब एक बार फिर कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार फिर से पाला बदलने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, वह एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं।

     

     

    बीजेपी और जेडीयू के कई बड़े नेता दिल्ली पहुंचे
    बिहार की राजधानी पटना में जबरदस्त हलचल मची हुई है। बीजेपी और जेडीयू के कई बड़े नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं। बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार जल्द ही आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़कर एनडीए के साथ जाने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं होगा कि नीतीश कुमार पाला बदल रहे हों। उन्होंने अपने साथी बदलने की शुरुआत साल 2013 में की थी और तब से वह तीन बार पाला बदल चुके हैं और अगर इस बार भी वह ऐसा करते हैं तो यह चौथा मौका होगा।

     

     

    साल 2013 में एनडीए से अलग हुए थे नीतीश
    सबसे पहले वह साल 2013 में एनडीए से अलग हुए थे। बीजेपी ने उस समय नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। इससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी से 17 साल पुराना गठबंधन खत्म कर लिया था। इसके बाद आरजेडी और कांग्रेस पर हमलावर रहे नीतीश कुमार ने साल 2015 में इन दोनों दलों के साथ महागठबंधन बनाया और चुनाव लड़ा।

    2017 में महागठबंधन से तोड़ा नाता
    चुनाव में इस गठबंधन को जीत मिली लेकिन साल 2017 में एक बार फिर से नीतीश कुमार का मन बदला और लालू यादव और उनके परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने यह गठबंधन तोड़ दिया। वह एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो गए। इस बार उन्होंने 2019 का लोकसभा और 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें सफलता भी मिली। लेकिन 2022 में नीतीश कुमार का मन फिर से बदला और वह एक बार फिर से एनडीए से अलग हो गए।

     

     

    एनडीए से अलग होने के बाद वह आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के महागठबंधन में शामिल हुए और आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं अब जिस तरह की चर्चाएं चल रही हैं, उससे यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से अपना मन बदल सकते हैं और एनडीए में शामिल हो सकते हैं। फ़िलहाल यह अभी केवल चर्चाएं हैं। सच्चाई केवल और केवल नीतीश कुमार ही जानते हैं। क्योंकि नीतीश कुमार तो नीतीश कुमार हैं।

     

     

    लाल यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी तो नीतीश कुमार तो नीतीश कुमार हैं
    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleदेश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गजुर रहा है:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
    Next Article प्रत्येक साल 900 अस्थाई कर्मचारियों का होगा स्थाईकरण

    Related Posts

    हेडलाइंस : आपका *राष्ट्र आपका *संवाद

    June 1, 2025

    एयर चीफ़ मार्शल की चेतावनी को गंभीरता से लेने की जरूरत

    June 1, 2025

    विदेश नीति की ‘दिनौंधी’ का इलाज जरूरी

    June 1, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    हेडलाइंस : आपका *राष्ट्र आपका *संवाद

    एयर चीफ़ मार्शल की चेतावनी को गंभीरता से लेने की जरूरत

    विदेश नीति की ‘दिनौंधी’ का इलाज जरूरी

    अगर देश में सुप्रीम कोर्ट नहीं होता तो…!

    झारखंड राज्य सब-जूनियर बास्केटबॉल चैंपियनशिप 2025 का भव्य समापन

    जनप्रतिनिधि के साथ पुलीसिया दुर्व्यव्हार लोकतंत्र की हत्या हैं – आजसू

    दुष्कर मामले का बोकारो पुलिस ने किया खुलासा चार आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

    दिनेश कुमार और कुणाल सारंगी की उपस्थिति में रॉबिन हुड आर्मी जमशेदपुर और गीता थियेटर द्वारा विशेष समर कैंप का समापन

    जमशेदपुर सर्वोदय समिति ने उपायुक्त को किया सम्मानित

    विकलांगता अधिकार व महिला सुरक्षा कानूनों पर आवासीय क्षमतावर्धन प्रशिक्षण

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.