देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गजुर रहा है:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
26 जनवरी देश में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाने की पूरी तैयारी है। मुख्य कार्यक्रम कर्तव्य पथ पर आयोजित होगा जहां झंडा फहराने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू परेड की सलामी लेंगी। इससे पहले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्र को संबोधित किया
उन्होंने 75 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गजुर रहा है। यह युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भी याद किया और कहा कि अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ। बता दें कि केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए, सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है, जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अयोध्या का राम मंदिर का भी जिक्र किया और कहा-हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 12 मरणोपरांत सहित 80 सशस्त्र बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने को मंजूरी दी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 12 मरणोपरांत सहित 80 सशस्त्र बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कार (Gallantry awards) से सम्मानित करने को मंजूरी दी है। इनमें 6 कीर्ति चक्र है, जिनमें से तीन मरणोपरांत सम्मानित होंगे। दो मरणोपरांत सहित 16 शौर्य चक्र से सम्मानित होंगे। इसके अलावा सात मरणोपरांत सहित 53 सेना पदक, एक नाव सेना पदक (वीरता) और चार वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित होंगे।
भारत लोकतंत्र की जननी है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने इस दौरान लोकतंत्र, संविधान, इसरो, सेना और युवाओं सहित कई मुद्दों का संबोधन में जिक्र किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हमारे गणतंत्र का 75वां साल कई मायनों में देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है। राष्ट्र अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है और यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का समय है। उन्होंने देशवासियों से कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसलिए भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश भारत
उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना। हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम, महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा।
“खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश को गौरवांवित किया है”
इस मौके पर राष्ट्रपति ने देश के खिलाड़ियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश को गौरवांवित किया है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि इस साल होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों में भी भारतीय खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के पदकों में महिलाएं प्रभावशाली योगदान दे रही हैं जो काफी प्रसन्नता की बात है।