स्टार प्रचारकों से सामाजिक ताने-बाने को नुकसान न पहुंचाने की उम्मीद: निर्वाचन आयोग
नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि वह स्टार प्रचारकों, खासकर राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं से उम्मीद करता है कि वे लोकसभा चुनाव के शेष तीन चरणों में अच्छा उदाहरण पेश करेंगे और समाज के नाजुक ताने-बाने को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
आयोग ने कहा कि चुनाव के शेष चरणों में अपने चुनावी भाषणों को मर्यादित रखना प्राथमिक रूप से नेताओं की जिम्मेदारी है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आदर्श आचार संहिता का कथित तौर पर उल्लंघन किए जाने की शिकायतों पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा ‘‘सबसे पहले तो आयोग राजनीतिक दलों, खासकर प्रमुख राष्ट्रीय दलों के शीर्ष नेताओं से उम्मीद करता है कि वे मौजूदा चुनाव में अपेक्षित चुनावी बहस के अच्छे उदाहरण पेश करेंगे।’’
आयोग ने कहा कि यह प्राथमिक रूप से नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने बयानों को मर्यादित रखें ताकि देश के सामाजिक ताने-बाने को किसी तरह की चोट न पहुंचे।
सोलह मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से आदर्श आचार संहिता लागू होने पर अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश करते हुए आयोग ने कहा कि उसने 90 फीसदी शिकायतों का निपटारा कर दिया है और कांग्रेस एवं भाजपा की कुछ शिकायतों को छोड़कर दलों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है।
आयोग ने कहा, ‘‘आदर्श आचार संहिता लागू हुए करीब दो महीने पूरे होने के बाद निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का प्रचार मुख्यत: हिंसा मुक्त, कम शोरगुल व कम कोलाहल वाला और प्रलोभन से मुक्त रहा है।’’
इसने कहा कि निर्वाचन आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा प्रचार से संबंधित या स्पष्टीकरण संबंधी शिकायतों को छोड़कर लगभग 425 बड़ी शिकायतें दर्ज की गई हैं।
चुनाव निकाय ने कहा कि इनमें से 400 मामलों में कार्रवाई की गई है या मामले का निपटारा किया गया है।
आयोग ने कहा कि करीब 170, 95 और 160 शिकायतें कांग्रेस, भाजपा और अन्य (अन्य दलों) ने दर्ज कराई थीं और इनमें से ज्यादातर शिकायतों पर कार्रवाई की गई है।
इसने कहा कि कांग्रेस और भाजपा द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराई गईं कुछ लंबित शिकायतें सांप्रदायिक, जाति और क्षेत्रीय भाषा विभाजन या संविधान की पवित्रता पर शीर्ष स्टार प्रचारकों के विभाजनकारी बयानों की शैली के अंतर्गत आती हैं।
आयोग ने कहा कि दोनों दलों से जवाब मिल गया है और शिकायतों पर उचित कार्रवाई की जांच या आयोग द्वारा विचार किया जा रहा है।
इसने कहा कि पूर्व में उसने आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले व्यक्तिगत नेताओं को नोटिस जारी किए थे लेकिन अब, उसने पार्टी नेतृत्व से अपने नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों से यह कहकर एक ‘नया रास्ता’ अपनाया है कि वे ऐसे भाषण न दें जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।
आयोग ने कहा कि उसका मत है कि स्टार प्रचारक और नेता भाषणों के लिए जिम्मेदार बने रहेंगे, लेकिन वह पार्टी अध्यक्षों को मामला-दर-मामला आधार पर सचेत करेगा क्योंकि दलों की मुख्य जिम्मेदारी है कि वे अपने स्टार प्रचारकों को ऐसे उल्लंघन से रोकें।
बयान में कहा गया कि चौथे चरण तक, खासकर मणिपुर, त्रिपुरा, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, दूर-दराज और दुर्गम इलाकों में उत्साह और उत्सव की भावना के साथ शांतिपूर्ण मतदान लोकतंत्र की गहरी जड़ों को दर्शाता है।