सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखना जरूरी : वरीय पुलिस अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर
वर्तमान समय में सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिये सोशल मीडिया सबसे प्रभावी माध्यम है।अधिकांश लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक – दूसरे से जुड़े हैं। यह माध्यम सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का सबसे सरल माध्यम बन चुका है। ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह भरी गलत सूचनायें वीडियो क्लिप प्रसारित होने पर गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखना आवश्यक है। ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर बने ग्रुप तथा अन्य नाम से बने ग्रुप पर कभी-कभी ऐसे समाचार, फोटो, वीडिओ, आॅडियो प्रेषित कर रहे हैं, जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है। सूचनायें कई बार बिना पुष्टि के सीधे कट-पेस्ट/फाॅरवर्ड किए जा रहे हैं।
इन सबको ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया यथा WhatsApp, twitter, facebook,youtube आदि के ग्रुप एडमिन एवं सदस्यों के लिए निम्नांकित निर्देश दिए जाते हैंः-
1. ग्रुप एडमिन वही बनें जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो।
2. अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित हो। साथ ही ग्रुप में संबंधित थाना प्रभारी /पुलिस पदाधिकारी को अवश्य शामिल करें।
3. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाये, पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन तत्काल उसका खंडन करें। उस सदस्य को ग्रुप से हटाया जाय।
4. अफवाह/भ्रामक सूचना/सामाजिक समरसता के विरुद्ध सूचना पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जाय।
5. दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट साइबर क्राइम एक्ट तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
6. किसी भी धर्म के नाम पर भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट किसी भी ग्रुप में डाले जाने पर समाज में तनाव उत्पन्न होने की संभावना रहती है ऐसे पोस्ट करने या किसी अन्य ग्रुप के फॉरवर्ड करने पर आईटी, साइबर क्राइम एक्ट एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ग्रुप एडमिन की भी जिम्मेवारी तदनुरूप निर्धारित की जाएगी