आरएसबी ग्लोबल ने मनाया ‘एक पहल’ का तीसरा वार्षिक दिवस — एक कदम, अनेक सपने
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर:भारत की प्रमुख ऑटो और नॉन-ऑटो घटक निर्माण कंपनी आरएसबी ग्लोबल ने अपने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख मंच ‘एक पहल’ की तीसरी वर्षगांठ भव्यता और उत्साह के साथ रैडिसन होटल, जमशेदपुर में मनाई। “एक कदम, अनेक सपने” की थीम के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसबी की विभिन्न इकाइयों की महिला कर्मचारियों ने गर्व और आत्मविश्वास के साथ भाग लिया और समावेशिता, नेतृत्व और प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस अवसर पर तीन प्रेरणादायक महिलाओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया, जिनकी जीवन यात्राएं साहस, संकल्प और नेतृत्व का प्रतीक हैं। पूर्णिमा महतो, पद्मश्री एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध तीरंदाजी कोच ने कहा खेल को करियर बनाना, विशेषकर एक पुरुष प्रधान क्षेत्र में, कभी आसान नहीं रहा। लेकिन एकाग्रता और आंतरिक शक्ति के साथ महिलाएं चुनौतियों को पार कर सकती हैं, उदाहरण बन सकती हैं और सफलता प्राप्त कर सकती हैं। खुद की प्रेरणा बनें और आगे बढ़ते रहें।
डॉ. पूर्णिमा डोरे, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, लेखिका, इम्पैक्ट लीडर और डोरियन स्केल की संस्थापक एवं सीईओ ने कहा खेल में बने रहना ही सबसे बड़ी चुनौती है — और सबसे बड़ी ताकत भी। जब भारत की अगली विकास लहर टियर-2 और टियर-3 शहरों से उभरेगी, तब महिलाओं को खुद पर विश्वास करना होगा, एक-दूसरे का साथ देना होगा, और इस परिवर्तन का नेतृत्व करना होगा।
स्वर्णलता दलाई, ओडिशा की सबसे युवा महिला पर्वतारोही जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया, ने कहा ओडिशा के एक छोटे से कस्बे से माउंट एवरेस्ट की चोटी तक का सफर मेरे लिए संघर्षों में उद्देश्य खोजने की यात्रा थी। मैंने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन सपने देखना कभी नहीं छोड़ा — और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत बनी। जब तक हम सपना नहीं देखेंगे, हम सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। संघर्ष हमेशा यात्रा का हिस्सा रहेंगे।
संवेदनशीलता और रचनात्मकता का संगम
इस अवसर पर “कल की खोज, आज का बोझ” नामक एक विचारोत्तेजक मंचन प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्लास्टिक प्रदूषण जैसे गंभीर विषय को कलात्मक और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया। “ सबको संदेश” जैसी प्रतीकात्मक गतिविधियाँ, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और पिलर टीम लीडर्स के प्रेरणादायक विचारों ने पूरे दिन को ऊर्जावान बनाए रखा।
कार्यक्रम का संचालन जया सिंह और ग़ज़ल भामरे ने आत्मीयता और उत्साह के साथ किया, जिससे समूचे आयोजन को एक खूबसूरत लय और संपूर्णता प्राप्त हुई। एक पहल — एक आंदोलन, एक बदलाव कार्यकारी निदेशक निर्मला बेहरा द्वारा शुरू की गई ‘एक पहल’ आरएसबी के भीतर एक सशक्त आंतरिक आंदोलन बन चुकी है, जो चार मजबूत स्तंभों पर आधारित है Dashboard और स्वच्छता शिक्षा और विकास सुरक्षा सामुदायिक सेवा इन स्तंभों के अंतर्गत कर्मचारियों को कार्यस्थल और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
प्रतिबद्धता का सम्मान
इस अवसर पर वर्षभर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पिलर नेताओं को सम्मानित किया गया। बिंदिया खंडका और मोनिका पैरा (कम्युनिटी इनिशिएटिव पिलर), और सुनिता भट्टमिश्र (सेफ्टी पिलर) को विशेष सराहना दी गई, जिनके योगदान ने आयोजन को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। निर्मला बेहरा ने अपने संबोधन में कहा एक छोटा कदम भी सपनों की श्रृंखला जगा सकता है। जो शुरुआत एक साधारण प्रयास से हुई थी, वह आज जुनून, उद्देश्य और प्रगति से प्रेरित एक प्रभावशाली यात्रा बन चुकी है।
दृष्टिकोण की निरंतरता
एक पहल के माध्यम से, निर्मला बेहरा आरएसबी के संस्थापकों आर. के. बेहरा और एस. के. बेहरा द्वारा स्थापित जन-केंद्रित संस्कृति को आगे बढ़ा रही हैं। समावेशिता, नेतृत्व और सेवा की भावना आज भी संगठन की आंतरिक संस्कृति और सामाजिक प्रभाव का मार्गदर्शन कर रही है। आगे की राह नव-निर्वाचित पिलर नेताओं के साथ ‘एक पहल’ अब एक नए और गतिशील चरण में प्रवेश कर रही है। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि हर कदम मायने रखता है, और हर सपना भविष्य को आकार देने की ताकत रखता है।