चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कथित तौर पर जासूसी करने वाले सेना के दो जवानों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए जवानों की पहचान हरप्रीत सिंह (23) और सिपाही गुरभेज सिंह (23) के रूप में हुई है. हरप्रीत सिंह जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा हुआ था. वहीं गुरभेज सिंह कारगिल में क्लर्क के रूप में काम कर रहा था और 18 सिख लाइट इन्फेंट्री से जुड़ा हुआ था.पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि इन दोनों जवानों ने फरवरी से मई के बीच चार महीने के अंदर रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज तस्कर रणवीर सिंह की मदद से सीमापार पहुंचाए हैं. डीजीपी गुप्ता ने बताया कि जालंधर ग्रामीण पुलिस ने एनडीपीएस मामले की जांच के दौरान रणवीर सिंह से भारतीय सेना से जुड़े गई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं. बता दें कि रणवीर सिंह को 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था.
जालंधर ग्रामीण पुलिस की पूछताछ में रणवीर सिंह ने इस बात को कबूला है कि उसने हरप्रीत सिंह से ये सारे दस्तावेज हासिल किए, जिसे वह पहले से जानता था. दोनों एक ही गांव में रहते थे और अच्छे दोस्त थे. रणवीर सिंह ने बताया है कि हरप्रीत सिंह को इस काम को करने के लिए पैसों का लालच दिया गया था. इसके बाद हरप्रीत सिंह ने अपने दोस्त गुरभेज सिंह को भी ऐसी राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया था.
गोपनीय दस्तावेज बॉर्डर पार भेजने की बात कबूल की
पुलिस पूछताछ में रणवीर सिंह ने बताया कि वह दस्तावेज को बॉर्डर के पार पहुंचाने में अमृतसर के दाउके गांव के मादक पदार्थ तस्कर गोपी की मदद लेता था. रणवीर सिंह के बयान पर पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. गोपी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज पाकिस्तान के भेजने की बात कबूल की है. इस काम में शामिल कुछ अन्य तस्करों की भी पहचान की गई है, जसमें एक तस्कर की पहचान कोठर के रूप में की गई है जबकि दूसरा पाकिस्तान आईएसआई का कथित सदस्य सिकंदर है. ये लोग दस्तावेजों के बदले हेरोइन और पैसा देते थे. पुलिस महानिदेशक ने बताया पाकिस्तान में ये सभी गोपनीय दस्तावेज और तस्वीरें एनक्रिप्टेन (कूट भाषा वाले सुरक्षित) ऐप से भेजी जाती थीं.