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    Home » नए सियासी समीकरण बनाने की कोशिश तेज, दक्षिण के क्षेत्रीय दल बनेंगे किंगमेकर?
    Breaking News राष्ट्रीय संवाद विशेष

    नए सियासी समीकरण बनाने की कोशिश तेज, दक्षिण के क्षेत्रीय दल बनेंगे किंगमेकर?

    Devanand SinghBy Devanand SinghMay 9, 2019No Comments4 Mins Read
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    चुनाव बाद की स्थित को लेकर विपक्ष में अभी से मंथन तेज, नतीजों के तुरंत बाद सरकार बनाने के दावे की रणनीति विपक्षी दलों ने अभी से चुनाव बाद की संभावित स्थिति को लेकर अपनी रणनीतियों पर मंथन करना शुरू कर दिया है। इनमें, अगर बीजेपी बहुमत से दूर रहती है तो गठबंधन सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर विपक्षी दलों में करीबी सामंजस्य की रणनीति भी शामिल है। लोकसभा चुनाव अपने आखिरी पड़ाव की ओर है। 7 में से सिर्फ 2 चरण के लिए वोटिंग बाकी है और विपक्षी दलों ने अभी से चुनाव बाद की संभावित स्थिति को लेकर अपनी रणनीतियों पर मंथन करना शुरू कर दिया है। इनमें, अगर बीजेपी बहुमत से दूर रहती है तो गठबंधन सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर विपक्षी दलों में करीबी सामंजस्य की रणनीति भी शामिल है।

    राहुल गांधी से मिले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, 21 मई को बुला सकते हैं विपक्षी दलों की बैठक

    विपक्षी नेताओं की बैठकों को संभावित साझा जमीन तलाशने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। चुनाव में विपक्षी दल अलग-अलग या फिर अलग-अलग गठबंधनों के साथ चुनाव मैदान में हैं। कुछ पार्टियां तो क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा और अलग-अलग विचार की वजह से एक दूसरे से सीधे संपर्क में भी नहीं हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चन्द्रबाबू नायडू तमाम विपक्षी पार्टियों के बीच एक पुल की तरह उभरे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बुधवार को दिल्ली में मुलाकात की। पता चला है कि उन्होंने 19 मई को आखिरी चरण की वोटिंग और 23 मई को नतीजों से पहले 21 मई को 22 बीजेपी विरोधी पार्टियों की बैठक बुलाने की योजना पर चर्चा की। मीटिंग के बाद नायडू कोलकाता रवाना हो गए जहां उन्होंने टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के साथ एक रैली को संबोधित किया। गुरुवार को वह ममता से चर्चा करेंगे।

    नतीजों के ठीक बाद सरकार बनाने के दावे के लिए तैयार है विपक्ष
    चन्द्रबाबू नायडू इस बात को लेकर एकदम स्पष्ट हैं कि अगर एनडीए बहुमत से दूर रहता है तो अगली सरकार के गठन में कांग्रेस की अहम भूमिका रहेगी। हालांकि, वह पीएम उम्मीदवार को लेकर साफ-साफ कुछ भी कहने से यह कहकर बच रहे हैं कि पहले से ही पीएम कैंडिडेट घोषित करने से विपक्षी एकता को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने अन्य विपक्षी नेताओं को भी पीएम कैंडिडेट को लेकर किसी भी टिप्पणी से बचने की गुजारिश की है। नायडू के समानांतर तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस चीफ के. चन्द्रशेखर राव ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम के दिग्गज नेता पी. विजयन से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद तमाम राजनीतिक अटकलें भी लगने लगीं क्योंकि टीआरएस को एक ऐसे विपक्षी दल के तौर पर देखा जाता है जो बीजेपी के साथ भी जाने के लिए तैयार है। राव ने कर्नाटक के सीएम और जेडीएस नेता एच. डी. कुमारस्वामी से भी बातचीत की।अचानक विपक्षी नेताओं के सक्रियता से इस बात के संकेत मिलते हैं कि विपक्षी दल नतीजों के ठीक बाद बिना किसी देरी के सरकार बनाने के दावे की योजना के साथ तैयार रहना चाहते हैं। गोवा जैसे राज्यों की नजीर भी विपक्षी दलों के सामने है, जहां बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी या प्री-पोल अलायंस न होने के बावजूद भी सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी। ऐसे में विपक्षी दल नहीं चाहते कि अगर बीजेपी बहुमत से दूर रही तो केंद्र में भी गोवा दोहराया जाए।

    कई विपक्षी नेता चुनाव के दौरान भी एक दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं, यहां तक कि जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस और सुप्रीम कोर्ट में एक साथ याचिका भी दायर कर चुके हैं। विपक्षी नेताओं में ताजा बातचीत का उद्देश्य सामंजस्य को बरकरार रखना और आपसी समझ बढ़ाना है। एनसीपी चीफ शरद पवार, एनसी नेता फारूक अब्दुल्ला, चन्द्रबाबू नायडू, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल विपक्ष के उन प्रमुख नेताओं में शुमार हैं, जो एक दूसरे के साथ संपर्क में बने हुए हैं।सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के साथ अपनी बैठक में चन्द्रबाबू नायडू ने VVPAT मुद्दे, अबतक के 5 चरणों में वोटिंग पर्सेंटेज और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की।

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