नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने कहा कि उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो यह दिखा सके कि पाकिस्तान के एडहॉक जज, कुलभूषण जाधव मामले में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ या उसके अनिच्छुक हैं. पाकिस्तान ने मंगलवार को ICJ में अपनी दलीलें पेश की. उसने तदर्थ न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन जिलानी की बीमारी का हवाला देते हुए मामले को स्थगित करने के लिए कहा. जिलानी को सुनवाई से पहले दिल का दौरा पड़ा था.पाकिस्तान ने एडहॉक जज के स्थान पर किसी और को नियुक्त करने का अनुरोध किया. मामले में पाकिस्तान के एडहॉक जज की नियुक्ति पर ICJ के शीर्ष न्यायाधीश अब्दुलकवी अहमद युसूफ ने बुधवार को कहा, ‘किसी भी तरह की गलतफहमियों को दूर करने के लिए हम दोनों पक्षों को बराबरी के सिद्धांत के अनुसार, इन कार्यवाही के सुचारू संचालन का आश्वासन देते हैं.उन्होंने कहा कि एक बार जब मामले में एडहॉक जज का चयन कर लिया जाता है और निर्धारित समय सीमा के भीतर कोई भी आपत्ति ना होने से तदर्थ न्यायाधीश के तौर पर उस व्यक्ति की नियुक्ति अदालत के नियमों के अनुच्छेद 35 के तहत अदालत द्वारा पक्षों को भेजे गए एक पत्र से पुष्टि होती है.उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मौजूदा मामले में तदर्थ न्यायाधीश जिलानी ने मामले की फाइल भेजी और कार्यवाही के पूर्व चरणों में भाग लिया. न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि तदर्थ न्यायाधीश जिलानी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में अक्षम या उसके अनिच्छुक हैं.’ पाकिस्तान गुरुवार को अपनी अंतिम दलीलें पेश करेगा. ICJ के 2019 की गर्मियों में अपना फैसला देने की संभावना है.
संयुक्त राष्ट्र की कोर्ट ने पाकिस्तान को दिया ये करारा जवाब
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