वसंत ऋतु के आगमन होते ही कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा कुछ ऐसे घटना को अंजाम दिया जाता है जिससे हजारों जीवों को अपने जीवन की आहुती देनी पड़ती है|अब आपके मन में जिज्ञासा होगी कि आखिर कौन असामाजिक तत्वों एवं कौन-से जीवों के विषय में बताया जा रहा है?बता दूं वसंत ऋतु में पतझड़ के मौसम में प्रायः देखा जाता है कि जंगल/झाड़ी में असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दिया जाता है, जिससे छोटे-छोटे जीव-जंतुओं तथा कीमती जड़ी-बुटीयां आग के हवाले हो जाते हैं|
यही नहीं इससे और भी घातक अप्रिय दूर्घटनाए घटने की संभावनाएं रहती है|इससे कीमती पेड़ बर्बाद होने के कगार पर रहते हैं,कुछ पेड़ बर्बाद हो भी जाते हैं|वहीं सड़कों के किनारे जंगल/झाड़ी में असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगाने से पेट्रोल व गैस रहित वाहनों में आग लगने की संभावनाएं रहती है|ऐसे में कहीं-न-कहीं जिला प्रशासन को इन सबको ध्यान में रखते एक विशेष बैठक कर असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने की उचित पहल होनी चाहिए|ताकी जीव-जंतुओं की जान,जड़ी-बुटीयां सुरक्षित रहे|
लोगों की भी जान माल की हानी न हो सके|वैसे राष्ट्र संवाद के निजी विचार के अनुसार जिले के उपायुक्त,पुलिस अधीक्षक व डीएफओ की निगरानी में सभी प्रखंड के बीडीओ,सीओ, रेंजर,थाना के थाना प्रभारी से बैठक कर सभी प्रखंड सभागार में बीडीओ की निगरानी में सीओ,थाना के थाना प्रभारी,रेंजर, वनरक्षी एवं सभी पंचायत के मुखिया के साथ बैठक कर पंचायत स्तर से गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए|
इसमें यह भी बताया जाना चाहिए कि अगर कोई ऐसे घटना को करते पाया जाते हैं तो उस पर उचित कार्रवाई की जायेगी|