बुलाए जाने पर भी राजभवन के अंदर नहीं जाऊंगी: ममता बनर्जी
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से जुड़े यौन उत्पीड़न विवाद का परोक्ष संदर्भ देते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि वह कभी भी राजभवन के अंदर नहीं जाएंगी, भले ही उन्हें आमंत्रित किया जाए. मुख्यमंत्री ने सीवी आनंद बोस या राज्यपाल के खिलाफ हालिया पुलिस शिकायत का जिक्र किए बिना यह कहा कि अगर मुझे आमंत्रित किया गया तो भी मैं राजभवन के अंदर नहीं जाऊंगी, बेहतर होगा कि मैं सड़कों पर मिलूं. मैंने आपके बारे में जो कुछ भी सुना है, आपके पास बैठना पाप होगा.
बता दें कि राज्यपाल के खिलाफ हाल में हुई पुलिस शिकायत में उन पर शील भंग करने का आरोप लगाया गया था. हालांकि राज्यपाल बोस ने इन आरोपों का खंडन किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी उम्मीदवार और अभिनेत्री से नेता बना रचना बनर्जी के समर्थन में हुगली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सप्तग्राम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही.
इस सप्ताह की शुरुआत में जनता के लिए राजभवन में सीसीटीवी फुटेज की हालिया स्क्रीनिंग का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना, ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें मूल फुटेज और एडिट संस्करण की एक प्रति मिल गई है. उन्होंने कहा कि मैंने इसे अपने पास रख लिया है. मुझे संपादित प्रति भी मिल गयी है. अभी सबका खुलासा होना बाकी है.आज मुझे एक और पेन-ड्राइव प्राप्त हुई.
ममता बनर्जी ने सवाल किया कि किसी महिला को परेशान करने का आपके पास क्या अधिकार है? सीधे तौर पर बोस का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के हालिया बयान का भी जिक्र किया कि वह राजभवन पर मनमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी ग़लती क्या है? आप कह रहे हैं कि आप ज्यादती बर्दाश्त नहीं करेंगे. बस हमें बताएं कि आप कब इस्तीफा देंगे. ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि 7 मई को तीसरे चरण के मतदान के खत्म होने के बाद से ही भाजपा को चुनावी आपदा की गंध आनी शुरू हो गई थी. उन्होंने कहा, ‘वे तीसरे चरण के मतदान के बाद रो रहे हैं. बस इंतजार करें और देखें कि आने वाले दिनों में क्या होता है.’
ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को लगातार धमकी भरे फोन आ रहे हैं, जिसमें उन्हें चुनाव से बाहर नहीं रहने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है. उन्होंने कहा कि हम किसी से नहीं डरते. अगर हम पश्चिम बंगाल में 34 साल लंबे वाम मोर्चा शासन को समाप्त कर सकते हैं, तो हम निश्चित रूप से देश में भाजपा को सत्ता से बाहर कर सकते हैं.