रियाद. सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान किंगडम में विश्व नेताओं का स्वागत कर रहे हैं और शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि मोहम्मद बिन सलमान अपने बुजुर्ग पिता से देश की बागडोर लेकर उसे संभाल रहे हैं और बिना ताज के सऊदी अरब के राजा बन गए हैं. 86 वर्षीय किंग सलमान की सेहत को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच 36 वर्षीय प्रिंस मोहम्मद बैठकों और गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत का कार्यभार संभाल रहे हैं.
बताया गया है कि किंग सलमान बीमार चल रहे हैं. इस वजह से प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ये कदम उठाया है. किंग सलमान अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम ही नजर आते हैं. वहीं, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को जून 2017 में किंगडम का प्रिंस बनाए जाने के बाद से देश का असली राजा माना जाता था. मोहम्मद बिन सलमान ने इस महीने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक की और मंगलवार को खाड़ी सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन का नेतृत्व किया. इस तरह उन्होंने दिखाया कि वह किस तरह किंगडम की बागडोर को संभाल रहे हैं.
सऊदी अरब के किंग की गैरमौजूदगी में क्राउन प्रिंस असली शासक
आमतौर पर किंग सलमान हर साल होने वाली इस मीटिंग में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस बार खराब तबीयत की वजह वो नजर नहीं आए. सऊदी मामलों के विशेषज्ञ यास्मीन फारूक का कहना है कि एक क्राउन प्रिंस देश का असली शासक होता है. लेकिन सऊदी अरब के किंग की तबीयत जब ठीक नहीं होती है, तो क्राउन प्रिंस केवल विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करते हैं और शिखर सम्मेलनों में भाग लेते हैं. उन्होंने कहा, इसमें नई बात यह है कि अब क्राउन प्रिंस को राष्ट्रीय स्तर पर और मीडिया में समानांतर स्वीकृति मिल रही है.
निओम शहर में रह रहे हैं किंग सलमान
यास्मीन फारूक ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि किंग सलमान के जीवित रहते हुए भी क्राउन प्रिंस को सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए बाध्य हैं. कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत होने के बाद से किंग सलमान निओम शहर में रह रहे हैं. ये शहर लाल सागर के तट पर बनाया गया है. वह आखिरी बार मार्च 2020 में रियाद में ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब से मिले थे. उन्होंने आखिरी विदेश यात्रा जनवरी 2020 में की थी, जब वह ओमान के दौरे पर गए थे. दूसरी ओर, क्राउन प्रिंस अब खुद को एक उदारवादी नेता के तौर पर पेश कर रहे हैं.