औद्योगिक इतिहास में टाटा घराना का नाम स्वर्णाक्षरों में : मुख्यमंत्री
इस्पात उद्योग के भीष्म पितामह जमशेदजी नसरवानजी टाटा की जयंती और जमशेदपुर शहर के 100 वर्ष पूर्ण होने पर देश के सबसे ताकतवर औद्योगिक घराना टाटा को ढेर सारी शुभकामनाएं।
भारत के औद्योगिक इतिहास में टाटा घराना का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा है। जहां एक ओर जमशेदजी नसरवानजी टाटा को साहस का प्रतिमूर्ति माना जाता है वहीं जमशेदपुर को श्री टाटा के सपनों की नगरी। इन 100 वर्षों में टाटा ने जहां अपने सामाजिक दायित्वों के लिए दुनिया के उद्योगों के बीच एक आदर्श स्थापित किया है वहीं टाटा स्टील ने विश्व में भारत का नाम रौशन किया है।
कहते हैं कि जमशेदजी नसरवानजी टाटा के दिमाग में यह बात घर कर गयी थी कि जो देश लोहे पर आधिपत्य कायम करता है, वह विकास के नये दरवाजे पर खडा होता है। उन्होंने इसी सोच के तहत जमशेदपुर में स्टील कंपनी और जमशेदपुर शहर की स्थापना का बीजारोपण किया था। सच पूछा जाए तो आज का जमशेदपुर शहर और टाटा स्टील नसरवानजी के सपनों का जीता-जागता नमूना है। बात शहर के विकास की हो या मजदूरों के हित की अथवा स्टील उत्पादन की टाटा अव्वल था और अव्वल है।