चुनाव के पूर्व राजनीतिक रंग :निर्दलीय विधायक सरयू राय पर मामला दर्ज
राष्ट्र संवाद संवाददाता
रांची: चुनाव के पूर्व राजनीतिक रंग में रंगने लगा है झारखंड तकरार की प्रकाष्ठा आए दिन राष्ट्रीय मीडिया के सुर्खियों में रहता है झारखंड इस कड़ी में अब विधायक सरयू राय का नाम जुड़ गया है एक तरफ एक तरफ चुनाव से पूर्व मैन हर्ट का जिन्न निकला तो दूसरी तरफ आहार पत्रिका सुर्खियों में आ गया है
निर्दलीय विधायक सरयू के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में पैसे के गबन को लेकर एफआईआर दर्ज करवाया गया है. मनोज सिंह नाम के व्यक्ति के द्वारा आहार पत्रिका से जुड़े मामले में सरयू राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया गया है.
अरगोड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले मनोज सिंह अरगोड़ा थाने में दिए अपने आवेदन में या लिखा है कि सरयू राय जो पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं. सर्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले में मंत्री रहे सरयू राय ने आम जनता को अधिकारों के प्रति जागरूक लाने के नाम पर प्रत्येक माह बुलेटिन आहार पत्रिका के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के लिए अपने नजदीकी और विश्वासियों को 3.38 करोड़ का अवैध भुगतान किया.
आवेदन में मनोज सिंह ने आरोप लगाया है कि पत्रिका के प्रकाशन के लिए कोई टेंडर भी नहीं निकाला गया. पूरे मामले में पैसे के गबन को दबाने के लिए पूर्व मंत्री ने अपने जान पहचान के लोगों को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर नियुक्त कर कर विभागीय निदेशकों के दिशा निर्देशों की अवहेलना कर मामले को रखा दफा करवाने का भी प्रयास किया.
आवेदन में यह भी लिखा गया है कि साल 2015 में सरयू राय ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. सरयू राय खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के विभागीय मंत्री के रूप में नियुक्त हुए थे. एक सोची समझी साजिश के तहत लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के नाम पर खाद्य सुरक्षा, केरोसिन तेल वितरण, शिकायत, समाधान आदि के संबंध में आहार के प्रकाशन की सिफारिश की गई थी. जिसे मंत्री के रूप में सरयू राय ने अनुमोदन के लिए प्रशाखा पदाधिकारी अपर सचिव और विभागीय सचिव को अनुशंसा भी की थी.
मनोज सिंह के लिखित आवेदन पर अरगोड़ा थाने में केस नंबर 228/ 24 दर्ज कर लिया गया. अरगोड़ा पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
बरहाल मामले दर्ज हो चूका है राजनीति के चाणक्य सरयू राय पूर्व से ही पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं और कई एक बार उन्होंने यह कहा है कि पूरा मामला आईने की तरह साफ है कोई भी एजेंसी जांच कर ले कोई फर्क नहीं पड़ता सब कुछ फाइल में हुआ है