आयुष्मान भारत का कड़वा सच
अनुप्रिया चौबे
झारखंड सरकार स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आयुष्मान भारत के तहत देश के मानचित्र पर झारखंड को पहले पायदान पर लाने के लिए हर कोशिश कर रहे है परंतु आयुष्मान भारत के तहत सरकार के द्वारा निजी सूचीबद्ध की गई अस्पतालों के प्रबंधन के द्वारा कुछ न कुछ ऐसा कर दिया जाता है जिससे सरकार की अख़बार के माध्यम से सुर्खियां बनती है यही विपक्ष भी मुद्दे बनाने में पीछे नहीं रहते है हालाकि आयुष्मान भारत के तरह से निजी अस्पताल प्रबंधक को राशि ने भी रांची में बैठक प्राधिकारी आनाकानी करते हैं जिसकी शिकायत निजी अस्पताल के प्रबंधक द्वारा बार-बार किया गया है यह एक अलग विषय है कि सरकार के द्वारा निजी अस्पतालों को भुगतान हो रहा है या नहीं इसका खामियाजा मरीज को भुगतनी पड़ती है दर्जनों ऐसे मामले हर दिन अखबारों की शोभा बढ़ाते हैं।
जमशेदपुर में दो ऐसे मामले सामने आए जिसे जान कर आप आश्चर्य रह जाएंगे , एक तरफ बिना पोस्टमार्टम किये कराया गया अंतिम संस्कार तो दूसरी तरफ मरीज को बनाया बंधक ।
दोनो मामले आदित्यपुर के है जहा एक तरफ अस्पताल में युवक की मौत होने के बाद भी तीन दिन तक न ही केस दर्ज हुआ और ना ही मुआवजा मिला दरअसल बुधवार को सेव लाइफ 111 नर्सिंग होम में राजकुमार को पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती किया गया था जिसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई मृतक की मां ने बताया कि बेटे की तबीयत खराब होने पर उससे नर्सिंग होम लाया गया, अस्पताल के निर्देशक डॉक्टर ओपी आनंद ने एक पत्र जारी कर बताया कि बुधवार को अस्पताल में दाखिल मरीज शराब का सेवन करता था पेट और आंत के अल्सर का मरीज था।
वहीं दूसरी तरफ मामला मेडीट्रिना हॉस्पिटल का है आयुष्मान कार्डधारी से लाखों रुपये वसुलने व मरीज को रुपये के लिए बंधक बनाया मरीज मंगल सोरेन के परिजनों की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे सरायकेला विधायक चंपाई सोरेन ने मरीज को डिस्चार्ज कराया । उधर अस्पताल प्रबंधक का कहना हैै कि मंगल सोरेन ने भर्ती होने के समय अपना आयुष्मान कार्ड नहीं दिखाया था इसलिए उनका इलाज समान्य मरीजों की तरह हुआ। विधायक चंपाई सोरेन ने सरायकेला सिविल सर्जन से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी दी इस पर सिविल सर्जन ने कहा कि वो अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच करेंगे।
बहरहाल निजी अस्पताल के प्रबंधक और आयुष्मान से जुड़ी एजेंसियां के साथ साथ उनके कर्मचारियों को सामंजस्य स्थापित करने की ज़रुरत है अन्यथा सरकार को आने वाले खामियाजा भुगतना पड़ेगा