नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया. तीन दशक तक उनका परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा और उन्होंने बीजेपी में शामिल होते हुए खुद बताया कि आखिर उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ी? उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जितिन प्रसाद के पार्टी छोडऩे को कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. आपको बता दें कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चि_ी लिखी थी.
जितिन प्रसाद ने बताया कि बीजेपी में शामिल होने का फैसला बहुत सोच समझकर लिया है. जिस दल (कांग्रेस) में था, वहां मुझे महसूस होने लगा कि हम लोग राजनीति करने लगे हैं. राजनीति एक माध्यम या दल एक माध्यम है लेकिन जब आप अपने लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते. अगर उनके लिए काम नहीं कर पाते हैं तो आपका उस दल में और राजनीति में रहने का क्या मकसद? यहीं मेरे मन में आया कि आप चाहे देश में हो, राज्य में हो या जिले में हों, अगर आप अपने लोगों का काम नहीं आ सकते, उनकी सहायता नहीं कर सकते हो तो फिर क्या फायदा. यही बात मुझे महसूस होने लगा था कि मैं वह काम कांग्रेस पार्टी में नहीं कर पा रहा हूं.
मैं नहीं, मेरा काम बोलेगा
उन्होंने कहा कि अब मैं बीजेपी में शामिल हो गया हूं जो इतना मजबूत संगठन है और मैं उसकी जरिए अब समाज सेवा करूंगा. अंत में उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा बोलना नहीं चाहता हूं और अब मेरा काम बोलेगा. मैं बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में सबका साथ, सबका विश्वास और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए काम करूंगा.
पीयूष गोयल ने दिलाई बीजेपी की सदस्यता
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. बलूनी ने इस अवसर पर कहा कि भाजपा की नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर जितिन प्रसाद भाजपा परिवार में शामिल हुए हैं. हम उनका स्वागत करते हैं. भाजपा में शामिल होने से पहले प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की