स्वामी विवेकानंद इंग्लिश एकेडमिक हाई स्कूल गर्रीखुर्द
केरेडारी प्रखंड:- क्षेत्र के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद इंग्लिश एकेडमी हाई स्कूल गर्रीखुर्द में 5 सितम्बर शिक्षक दिवस बड़े धूम धाम से बच्चो के द्वारा मनाया गया साथ ही सभी शिक्षकों ने बारी-बारी से सभी शिक्षकों ने इस दिन के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां और कहानी के माध्यम से बताने का प्रयास किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित और केक काटकर के किए इन्होंने अपने विद्यालय के शिक्षकों और छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए इन्होंने कहा कि हम सभी का प्रथम शिक्षक हमारे माता-पिता होते हैं वहीं दूसरे शिक्षक हमारे गुरु होते हैं क्योंकि शिक्षा का कार्य हमारे घरों से प्रारंभ होती है । इसलिए हम सबों को सर्वप्रथम अपने माता-पिता हमेशा आदर और संस्कार करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमे इस संसार में लाया है ।
विद्यालय उप प्रधानाचार्य विनोद कुमार ने शिक्षा के संबंध में बच्चों को शिक्षा अध्यन कर भविष्य में कुछ कर पाने के लिए उत्साहित किया और उन्होंने बताया की शिक्षा का सही मतलब होता है कि बड़ों का सम्मान करना और माता-पिता का बात मानना ही शिक्षा का सही अर्थ है।
सहायक शिक्षक सूरज सर ने बच्चों को भविष्य के संबंध में बताएं कि यदि आप शिक्षा अध्ययन कर रहे हैं तो आने वाला समय में यदि आप शिक्षा अध्ययन कर कोई बच्चा डॉक्टर ,इंजीनियर, शिक्षक, वकील जैसे अन्य उच्च पदों पर पहुंचते हैं तो एक शिक्षक के लिए और छात्र के लिए एक सम्मान की बात होती है , तब जाकर एक शिक्षक के और छात्र एवं छात्राएं का मेहनत का फल प्राप्त होता है ।
सहायक शिक्षक मोहन सर ने शिक्षा के संबंध में बताया कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे समाज में फैली बुराइयों को समाप्त किया जा सकता है।
सहायक शिक्षक प्रमोद कुमार रवि शिक्षा के संबंध में बताया कि आज गरीब और अमीर हर वर्ग के छात्र एवं छात्राएं शिक्षा अध्ययन कर सकते हैं शिक्षा के क्षेत्र में गरीब और अमीर दोनों वर्ग के लोगों को शिक्षा की व्यवस्था सरकार के द्वारा किया गया है इसलिए कोई भी गरीब वर्ग के छात्र पैसा के अभाव में शिक्षण कार्य बीच में ना छोड़े क्योंकि भारत सरकार के द्वारा छात्रों को छात्रवृत्ति , मेघावी छात्रवृत्ति के द्वारा बच्चों को सहयोग किया जाता है।
सहायक शिक्षक रीना मैडम ने बताया कि बच्चों को विद्यालय में जो भी शिक्षा दी जाती है उसे ध्यान से पढ़ें और अपने जीवन में अनुकरण करने का प्रयास करें।
सहायक शिक्षक सोनिया कुमारी ने बताई की शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके सहारे हम अपना भविष्य को सुरक्षित रास्ते में ले जा सकते हैं इन्होंने छात्रों के बीच एक चुटकुला के माध्यम से भी समझने की प्रयास की = सौ फूल की जरूरत होती है माला बनाने के लिए………..
सौ दीपक की जरूरत होती है आरती दिखाने के लिए…….
सौ रंग कि जरुरत होती है रंगोली बनाने के लिए……
पर एक शिक्षक ही काफी है विद्यार्थी का भविष्य उज्जव्वल बनाने के लिए..।
सहायक शिक्षक जयंती कुमारी ने बच्चों के बीच डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी को विस्तार पूर्वक बताया गया और उनका संघर्ष को बच्चों के बीच रखी ताकि बच्चे भी उनके जीवनी को समझ कर उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने के प्रयास करेंगे।
अंत में लक्ष्मी मैडम के द्वारा भी शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और यह कब से प्रारंभ की गई है इस संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी साथ ही साथ बच्चों से उन्हें भी शिक्षक दिवस के संबंध में चर्चा किए।
विद्यालय के सभी छात्र एवं छात्राओं के द्वारा शिक्षको को अंग वस्त्र ,साथ ही शिक्षण सामग्री देकर सम्मानित किया गया।
सभा का समापन क्लास 8 की छात्रा ज्योति कुमारी के द्वारा एक कविता के माध्यम से किया गया।