राष्ट्र संवाद संवाददाता
हरियाणा /हिसार (राजेश सलूजा)
वरिष्ठ भाजपा नेत्री मालती अरोड़ा पानीपत ने बताया कि लोकतंत्र में कोई भी निर्वाचित सरकार उसके पूरे कार्यकाल तक जनता के हित में कार्य करती रहे यही उम्मीद की जाती है। हमारे देश में पंचायत राज संस्थाओं से लेकर लोकसभा तक का कार्यकाल पांच साल के लिए तय है। लेकिन आज के दौर में जो चुनाव प्रक्रिया हमारे देश में है, उसमें लगभग हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। इससे संसाधनों के साथ-साथ देश की प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भी भारी दबाव पड़ता है। बार-बार चुनावी आचार संहिता के तहत सरकार नई योजनाओं की घोषणा नहीं कर पाती और कई बार पहले से शुरू की गई योजनाएं भी रुक जाती है ।इससे प्रशासनिक ढांचा प्रभावित होता है। चुनाव आयोग की तैयारी, मतदान सामग्री, कर्मचारियों का वेतन, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य प्रशासनिक खर्च भी कम नहीं होते। इसीलिए यह कहा जा रहा था कि पूरे देश में एक साथ चुनाव से खर्च में काफी हद तक कटौती हो सकती है।
‘वन नेशन- वन इलेक्शन’ यानी एक देश-एक चुनाव के लागू होने से चुनावी आचार संहिता बार-बार लागू नहीं होगी, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी और प्रशासनिक स्थिरता बनी रहेगी। केन्द्रीय कैबिनेट की ओर से वन नेशन- वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी देना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में अहम कदम है।


