कुछ वर्षों में देखते ही देखते लाखपति से खाकपति हुए एसईसीएल के ठेकेदार,ई टेंडर ने किया बेरोजगार
राष्ट्र संवाद कमाल अहमद
हजारों ठेकेदार,पार्ट्स सप्लायर के बेरोजगारी का कारण छोटे एस्टीमेट को बडा कर देना है।
गेवरा,दीपका:-छत्तीसगढ़ के साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड गेवरा,दीपका,कुस्मुंडा के ठेकेदारों की बात करें तो बहुत ही खुशहाल परिवार बहुत ही खुशहाल रोजगार वाला व्यक्ति एक समय में हुआ करता था और आज सरकार की सिस्टम ने इन सबको बेकार और बेरोजगार बना दिया। जब मेरी बात कुछ ठेकेदारों से हुई तो उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे एस्टीमेट को जोड़कर बड़ा एस्टीमेट बनाकर ई टेंडर कराना और मैन्युअल टेंडर को खत्म करना यह ठेकेदारों को बेरोजगार बना दिया। बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि घर चलाना मुश्किल हो रहा है। पांच दस हजार के भी काम को ई टेंडर के माध्यम से टेंडर कराने लगा, 1 लाख से 5 लाख तक के एस्टीमेट को जोड़कर करोड़ों का एस्टीमेट बना दिया गया,
जिसके कारण हजारों ठेकेदार पूंजी और एक्सपीरियंस की वजह से छंटते चले गए उनके बस की बात नहीं रही,और बड़े से बड़े ठेकेदार (प्राइवेट कंपनी)इसका कारण बना, यूं कहे कोल इंडिया के सिस्टम ने बना दिया।जो अन्य राज्यों से कोई दिल्ली कोई झारखंड तो कोई केरला से है। जो हजारों ठेकेदारों की ठेकेदारी खत्म हो गई और वे लोग बेरोजगार हो गए। हजारों बेरोजगार ठेकेदार कोरबा जिले के अन्य शहरों में और आसपास के जिलों में अपना पक्का मकान बना रखा है,और यहीं इनके बच्चों की शिक्षा दीक्षा होती है। ठेकेदार इस उम्मीद में हैं कि कल बेहतर होगा।अपना जीएसटी (Current Account) चालू खाता और इपीएफ नंबर अपने सीए द्वारा मेंटेन करके अब थक चुके हैं। अब यह लोग करें तो क्या करें जाएं तो कहां जाएं जहां दो जून की रोटी के लिए पैसा कमा सकें।
इन हजारों बेरोजगार ठेकेदारों के मामले को बीच-बीच में सीएमडी बिलासपुर को कुछ सामाजिक कार्यकर्ता व नेता फिर से मैन्युअल टेंडर बहाल करने 2 लाख से 5 लाख के टेंडर को चालू करने के लिए अपनी बात रखते रहे हैं लेकिन अब तक कोई विश्वास भरा आश्वासन नहीं मिला है। केंद्र सरकार कोयला मंत्रालय को चाहिए कि बेरोजगार ठेकेदार,पार्ट्स सप्लायर के हक में पहले जैसा हो रहे टेंडर सिस्टम को फिर से बहाल करे।