10 को बांग्ला भाषा और बांग्ला भाषियों के समस्याओं की उपेक्षा एवं अनदेखी के विरोध में उपायुक्त कार्यालय पर धरना
प्रदर्शन
राष्ट्र संवाद संवाददाता
झारखंड बांग्ला बहुल राज्य होने एवं इस राज्य में ४२ प्रतिशत आबादी बांग्ला भाषी होने के बाबजूद राज्य गठन के बाद से ही पिछले २४ बरसों से बांग्ला भाषा एवं संस्कृति संकट में है। राज्य के सभी सत्तासीन सरकारों और प्रशासन के द्वारा इसे हसिये पर डालने का ही काम किया गया है। जबकि राज्य के पांच प्रमंडलों में से कोल्हान, उत्तरी छोटा नागपुर, दक्षिणी छोटा नागपुर तथा संथाल परगना में बांग्ला भाषा भाषियों बहुसंख्य है l राज्य के चोबीस जिलों में से सोलह जिलों में बंगला भाषा ही प्रधान सम्पर्क भाषा है।इसके बाबजूद सत्ता एवं शासन द्वारा बांग्ला भाषा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसके विरोध में 10 को उपायुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा
इसलिए इस बार बांग्ला भाषी अपने अधिकार एवं सम्मान के रक्षा के लिए पिछले दो बरसों से योजना बद्ध तरीके से राज्य भर में बांग्ला भाषी संगठनों को एक जुट कर राज्य स्तरीय आंदोलन शुरू किया गया है अब राज्य के एक करोड़ तीस लाख बांग्ला भाषियों की उपेक्षा एवं अनदेखी उन्हे भारी परेगी।
अब झारखंड में बांग्ला भाषियों का एक ही नारा है,” जो बांग्ला हित में बात करेगा, बही झारखंड में राज करेगा”।
संवाददाता सम्मेलन में श्री तपश चटर्जी, श्री देवीशंकर दत्ता, श्री अंगशुमान चौधरी, श्री विश्वनाथ घोष, श्री बनामाली बनर्जी, श्री कोरुनामोय मंडल,श्री बिसनाथ राय, श्री सुबोध गोराई, श्री अनिमेष राय, श्रीमति गौरी कर, श्री बल्टू सरकार, श्री सामंत कुमार, श्री असित चक्रबर्ती, श्री असित भट्टाचार्जी, श्री ओमियों ओझा, श्री शिवनाथ पाल, श्री जुरान मुखर्जी, आदि शामिल थे