कन्वेंशन सेंटर दुमका में आज बुधवार को मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन(50-60 वर्ष) के लाभुकों को प्रथम किश्त का भुगतान एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजन किया गया
कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना में पेंशन लाभुकों की उम्र सीमा 60 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष की गई है। इस पेंशन योजना के अन्तर्गत राज्य की महिला तथा अनुसूचित जनजाति (ST) एवं अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के 50-60 वर्ष आयुवर्ग के पुरुषो को मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। अनुसूचित जनजाति (ST) एवं अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के 50-60 वर्ष आयुवर्ग के पुरुषों के लिए आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण संलग्न करना अनिवार्य है। 50-60 वर्ष आयुवर्ग के महिलाओं, अनुसूचित जनजाति (ST) तथा अनुसूचित्त जाति (SC) के योग्य लाभुकों को शत-प्रतिशत योजना से अच्छादित किया जा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री नलिन सोरेन ने कहा कि पूरे राज्य में आज के दिन यह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। राज्य के सभी योग्य लाभुकों को आज पेंशन का प्रथम किश्त प्रदान किया जा रहा है। हमने देखा है कैसे सेविका,सहायिका ग्राम स्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कार्य करती है। वे अपने क्षेत्र के लोगो को शिक्षा के साथ साथ परिवार का हिस्सा बनकर कार्य करती है। ग्रामीणों के उन्नति से संबंधित कई योजनाएं संचालित है आप आगे बढ़कर योजनाओं का लाभ ले। लड़कियों को पढ़ाने के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना लाई गई,जिससे लड़किया पढ़ाई पूरी कर रही है। सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार गांव के सभी घरों में हो यह भी सहिया, सेविका पूरे लगन से कार्य कर रही है। आज उन्हें सम्मानित करने में गर्व महसूस हो रहा है।
इसी क्रम में उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि झारखंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र में 50 वर्ष से ही लोग काम करने में असमर्थ होने लगते है पर पेंशन के लिए उन्हें 60 वर्ष होने का इंतजार करना पड़ता था। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 50 वर्ष से ही पेंशन देने का निर्णय लिया था। आज हम उसकी पहली किश्त प्रदान कर रहे है। 10,000 लाभुकों को पहला किश्त भेजा गया है। मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए दुमका जिला से 40,000 आवेदन प्राप्त हुए है। इसमें से एक भी योग्य व्यक्ति नहीं छूटे यह हमारा संकल्प है। आंगनवाडी सेविका के लिए आज मोबाइल का वितरण किया जा रहा है, कई वर्षो से इनकी यह मांग चल रही थी। सभी आंगनबाड़ी केंद्र में एएनसी के लिए एक बेड और एक पर्दा लगाया जा रहा है जिससे महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।आंगनबाड़ी के बच्चों को स्टडी किट भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सहिया- सेविका को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।इसके साथ ही अभी 150 आंगनबाड़ी केंद्रों में 2- 2 टैब दिया गया है। आंगनबाड़ी सेंटर अच्छे से विकसित हो इसके लिए 125 बिल्डिंग बनाने का अनुमति दिया गया है। सभी आंगनबाड़ी केंद्र सरकारी भवन में संचालित कराया जायेगा।
जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि समाज कल्याण विभाग कई तरह का आयोजन करते रहते है। यह बहुत आवश्यक है कि सरकारी योजनाओं के लाभ के साथ जानकारी आमजनों तक प्रेषित की जाए। जमीनी स्तर पर कार्य कर रही हमारी सेविका, सहिया का आज सम्मान समारोह है, मुझे बहुत हर्ष महसूस हो रहा है।परिवार का एक सदस्य बनकर सहिया, सेविका अपना कर्तव्य को निभाती है। समाज का निर्माण में समाज कल्याण के लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। हम जनप्रतिनिधि भी भ्रमण के दौरान देख पाते है कि समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ हर घर तक पहुंच रही है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि 60 वर्ष के बाद मिलने वाले पेंशन योजनाओं को अब 50 वर्ष कर दिया है। समाज के लोगों के लिए अपनी राज्य सरकार ने पंचायत-पंचायत जाकर कैंप लगाकर भी पेंशन दिलाया है। कई बार देखा गया था कि 60 वर्ष से पहले ही लोग वृद्ध हो जाते है, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 50 वर्ष से पेंशन देने का काम किया है। बच्चियों को पढ़ाने के लिए भी सरकार ने योजना का निर्माण किया है जिसे हम सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के नाम से जानते है। इसके माध्यम से बच्चियां अपना कैरियर बनाने में विशेष ध्यान दे रही है।
इस दौरान उप विकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, अपर समाहर्ता, जिला परिषद उपाध्यक्ष, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।