आदिवासी भूमिज युवा मंच का प्रतिनिधिमंडल कल्याण मंत्री से मिला
* जनजातीय भाषा ऑकादमी मे भूमिज भाषा को शामिल करने की मांग
घाटशिला l संवाददाता
जनजातीय भूमिज भाषा के संरक्षण, संबर्धन एवं बढ़ावा देने के लिये आदिवासी भूमिज युवा मंच का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा से मिला. इस दौरान एक मांग पत्र सौंपकर भूमिज भाषा को जनजातीय भाषा ऑकादमी मे शामिल करने की मांग किया गया. मांग पत्र मे कहा गया है कि झारखंड के 32 जनजातियों मे भूमिज जनजाति भी अपनी एक पहचान रखती है, जिसके आबादी पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी सिंहभूम, खुंटी, रांची, धनबाद आदि क्षेत्र मे बहुतायात है.
भूमिज जनजाति की अपनी मातृभाषा भूमिज है, जिसे भूमिज जनजाति के लोग बोलचाल मे उपयोग करते है, जिसे राज्य मे द्वितीय राजभाषा का भी दर्जा प्राप्त है. झारखंड मे हेमंत सोरेन सरकार के प्रथम कार्यकाल मे झारखंड मे जनजातीय भाषा ऑकादमी खोलने के लिये मंत्री परिषद द्वारा पारित किया गया है. भूमिज समाज के लोग भूमिज भाषा के संरक्षण, संबर्धन एवं बढ़ावा देने के लिये लगातार प्रयासरत है.
झारखंड सरकार के द्वारा प्रस्तावित जनजातीय भाषा ऑकादमी मे भूमिज भाषा को शामिल किया जाता तो निश्चित रूप से प्राथमिक स्तर से पढ़ाई के साथ-साथ भाषा को बचाने और बढ़ावा देने के दिशा मे काम होगा. झारखंड मे हेमंत सोरेन सरकार के 2.0 मे भूमिज समाज को काफी उम्मीद और आशा जगी है कि अबुआ सरकार भूमिज भाषा के संरक्षण, संबर्धन एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम करेगी. इस दौरान मुख्य रूप से मनोरंजन सरदार, भरत सरदार, गोपीनाथ सरदार, उदय सरदार, भुवनेश्वर सरदार, संजय सरदार, लाल सरदार (फुलचांद सरदार), दीपक सरदार, ईश्वर लाल सरदार आदि शामिल थे.