केंद्र सरकार ने संसद में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने जताई सहमति, राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय मीटिंग
नई दिल्ली. 20 जुलाई यानी कल गुरुवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक चलेगा. इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्वदलीय बैठक की. यह बैठक दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई. केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा के लिए विपक्ष की मांग मान ली है. वहीं, विपक्ष ने महंगाई पर भी चर्चा की मांग उठाई है.
विपक्ष बीते दो महीने से मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस अक्सर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाती है. यह मुद्दा सर्वदलीय बैठक में भी कांग्रेस ने उठाया. कांग्रेस ने कहा कि महंगाई और मणिपुर जैसे मुद्दों पर चर्चा आवश्यक है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर सरकार चाहती है कि संसद चले तो उसे विपक्ष के मुद्दों को जगह देनी चाहिए.
बता दें कि तीन मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. जबकि 60 हजार से अधिक लोग बेघर हुए हैं.
सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार
केंद्र सरकार कहा कि वह संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर में हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद में सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, जिसमें मणिपुर में 2 महीने तक चली हिंसा भी शामिल है.
31 बिल पेश करने की तैयारी में सरकार
सूत्रों के मुताबिक सरकार मानसून सत्र में कुल 31 बिल पेश करने की तैयारी में है. उनमें से केंद्रीय अध्यादेश भी है, जो दिल्ली के अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार से जुड़ा है. इस मुद्दे पर विपक्ष के 26 दल आम आदमी पार्टी के साथ हैं. सभी केजरीवाल को समर्थन दिया है.
कौन-कौन नेता हुए शामिल
कांग्रेस से जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल, सपा से राम गोपाल यादव, एसटी हसन, एआईडीएमके से थम्बो दुरई, आप से संजय सिंह आदि लोग शामिल हुए.