नई दिल्ली . सीमेंट का दाम इस महीने 25 से 50 रुपये प्रति बैग (बोरी) बढ़ सकता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से लागत में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 12 माह के दौरान सीमेंट का दाम बढ़कर 390 रुपये बोरी हो गया है.
विनिर्माताओं ने अब लागत वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है. इससे सीमेंट 25-50 रुपये प्रति बोरी और महंगा हो सकता है. कच्चे तेल के दाम मार्च में औसतन 115 डॉलर प्रति बैरल रहे. इसके अलावा विभिन्न कारणों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के दाम भी बढ़े हैं. बिजली और ईंधन की लागत बढ़ने से सड़क के जरिये ढुलाई भाड़े में भी वृद्धि हुई है.
सीमेंट मांग 20 प्रतिशत बढ़ी- क्रिसिल रिसर्च के निदेशक एच गांधी ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में सालाना आधार पर सीमेंट मांग 20 प्रतिशत बढ़ी. लेकिन दूसरी छमाही में बेमौसम बारिश, श्रम के उपलब्ध नहीं होने जैसे कारणों से नरमी आई.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में सीमेंट मात्रा में 5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है. इसका कारण बुनियादी ढांचे के साथ छोटे शहरों में सस्ते मकानों पर जोर है. हालांकि निर्माण लागत बढ़ने से मांग में तेजी पर कुछ अंकुश लगेगा.’’
सीमेंट की मांग बढ़ रही- देश में सीमेंट की मांग भी लगातार बढ़ रही है. आईसीआरए ने अपनी एक रिपोर्ट में सीमेंट की मांग और बढ़ने का अनुमान लगाया है. ग्रामीण आवास और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स की मजबूत मांग के चलते इस चालू वित्त वर्ष में सीमेंट की मांग 7-8 प्रतिशत बढ़कर लगभग 382 मिलियन टन होने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2012 के पहले 11 महीनों में सीमेंट का उत्पादन 323 मिलियन टन था, जो कि वर्ष-दर-वर्ष 22 प्रतिशत अधिक है. नवंबर 2021 में चक्रवातों और बेमौसम बारिश से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई मांग दिसंबर 2021 से बढ़नी शुरू हुई. ICRA का अनुमान है कि “उत्पादन लगभग 18-20 प्रतिशत बढ़ेगा और लगभग 355 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचकर कोविड से पहले के स्तर को पार कर जाएगा.