
बिहार चुनाव 2025 : चुनावी बिगुल बजते ही सियासी सरगर्मी शुरु।


उप ब्यूरो राष्ट्र संवाद
तेघड़ा/ बेगूसराय बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। अब पूरे राज्य में पक्ष और विपक्ष दोनों की सियासत सरगर्मियां तेज हो गई है। इस बार सत्ता की जंग में जातीय समीकरण, विकास के वादे, बेरोजगारी, पलायन, महंगाई और कानून-व्यवस्था , एस आई आर में गड़बड़ी , नगद तोहफों की बारिश जैसे मुद्दे बिहार के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे । इस बार बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। बिहार के 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक तेघड़ा विधानसभा सीट है । यहां चुनाव पहले चरण में 6 नवंबर को होगी और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। तेघड़ा सीट पर इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग), राजद की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन एवं जन सुराज के बीच माना जा रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तेघड़ा से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी राम रतन सिंह ने 84620 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। उन्होंने बड़ी अंतर से जदयू प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार महतो को हराया था। वीरेंद्र कुमार के हिस्से 37125 वोट आए।

इस सीट का इतिहास खुद में अनोखा है।
यह विधानसभा में अब तक कुल 6 बार चुनाव तेघड़ा के नाम से और नौ बार बरौनी के नाम से हुए। नाम बदले क्षेत्र सीमाएं बदली लेकिन एक चीज जो नहीं बदली वह थी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी( CPI) का दबदबा। यह क्षेत्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गिने चुने मजबूत गढ़ में से एक बना रहा। बरौनी के रूप में हुए सभी नौ चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की। अक्टूबर 2005 का चुनाव की लगातार 10 वीं जीत लेकर आया। जबकि इससे पहले 1952 और 1957 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। 2008 में परिसीमन के बाद फिर से तेघड़ा नाम आया और क्षेत्रीय बदलाव हुए। 2010 में भाजपा ने यह सीट जीत ली और 2015 में राजद ने। लेकिन 2020 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को फिर से संजीवनी मिली उन्होंने जदयू उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराकर 11वीं बार जीत दर्ज की।
*जातीय समीकरण का गणित*
तेघड़ा में जातीय समीकरण भी दिलचस्प है। यहां मुस्लिम और ओबीसी वोटरों का दबदबा है। जबकि भूमिहार और पासवान समुदाय निर्णायक भूमिका में रहते हें। कुल 299585 वोटरों में पुरुषों की संख्या 157920 और महिलाओं की संख्या 141656 है। दिलचस्प होगा कि 2025 के के इस चुनावी महासमर में कौन अपनी रणनीति के दम पर बाजी मारता है।

