बालासोर रेल हादसा: CBI ने 3 कर्मचारियों को किया गिरफ्तार, गैर-इरादतन हत्या और सबूतों को मिटाने पर FIR
भुवनेश्वर. ओडिशा के बालासोर में पिछले महीने हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में सीबीआई ने शुक्रवार 7 जुलाई को तीन रेल कर्मचारियों को गिरफ्तार किया. इनमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं. तीनों पर गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का आरोप है. इस हादसे में 293 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
सूत्रों का कहना है कि इन तीनों की लापरवाही के कारण ही हादसा हुआ. यह भी दावा है कि तीनों आरोपी जानते थे कि उनकी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है. दुर्घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने पिछले सप्ताह हादसे के लिए सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों की मानवीय भूल को जिम्मेदार ठहराया था.
सीआरएस की रिपोर्ट में यह खामियां मिली
बालासोर रेल हादसे की सीआरएस की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इस दुर्घटना के लिए सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग में कई स्तरों पर खामियां जिम्मेदार थीं. सिग्नल सर्किट डायग्राम में गड़बड़ी नहीं हुई होती तो 293 यात्रियों की जान नहीं जाती. भविष्य में इस वजह से दुर्घटना न हो, इसके लिए सीआरएस ने 14 बिंदुओं पर अपनी सिफारिश पेश की है.
जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष
दक्षिण पूर्व सर्किल कोलकाता के सीआरएस एएम चौधरी ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि सिग्नल सर्किट के डायग्राम में हुई गलतियों के कारण क्रॉसिंग गेट संख्या-94 के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस को गलत सिग्नल मिल गया. अप मेन लाइन को अप लूप लाइन क्रॉस ओवर 17 ए/बी से जोडऩे वाला क्रॉस ओवर लूप लाइन पर सेट किया गया था. गलत सिग्नल के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस अप लूप लाइन पर चली गई. वहां खड़ी मालगाड़ी के पीछे वाले वैगन से टकरा गई.