नई दिल्ली: गृह मंत्रालय का पदभार संभालते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन में आ गए हैं. उनकी सक्रियता इसी से अंदाजा लगता है कि कार्यभार संभालते ही उन्होंने उच्च स्तरीय बैठकों का दौर शुरू कर दिया है. आज विभिन्न मुद्दों पर मंथन के लिए अमित शाह ने विदेश राज्य मंत्री एस जयशंकर, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बैठक की. बैठक में किन मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से तो नहीं मिली लेकिन सूत्रों के मुताबिक अमित शाह जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग के गठन पर विचार कर रहे हैं. सूबे में आखिरी बार 1995 में परिसीमन किया गया था, जब गवर्नर जगमोहन के आदेश पर जम्मू-कश्मीर में 87 सीटों का गठन किया गया. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 111 सीटें हैं, लेकिन 24 सीटों को रिक्त रखा गया है. जम्मू-कश्मीर के संविधान के सेक्शन 47 के मुताबिक इन 24 सीटों को पाक अधिकृत कश्मीर के लिए खाली छोड़ गया है और बाकी बची 87 सीटों पर ही चुनाव होता है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर का अलग से भी संविधान है. राज्य के संविधान के मुताबिक हर 10 साल के बाद निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जाना चाहिए. इस तरह से जम्मू-कश्मीर में सीटों का परिसीमन 2005 में किया जाना था, लेकिन फारुक अब्दुल्ला सरकार ने 2002 में इस पर 2026 तक के लिए रोक लगा दी थी. उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने पद संभालते ही पहला काम आतंकवाद को जड़़ से खत्म करने का शुरू किया है. इसके तहत सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के सक्रिय टॉप 10 आतंकियों की सूची तैयार कराई है, जिनमें हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना रियाज नायकू, लश्कर-ए-तैयबा के जिला कमांडर वसीम अहमद, एलियास ओसामा और हिजबुल का अशरफ मौलवी के नाम शामिल हैं. बताया जा रहा है कि यह टॉप 10 आतंकियों की लिस्ट सुरक्षा बलों से मशविरे के बाद तैयार की गई है.