प्रयागराज. देशभर में लाउडस्पीकर विवाद पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं हैं. हाईकोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाते हुए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया.
इलाहबाद हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की याचिका को खारिज कर दिया और अजान के लिए लाउडस्पीकर की इजाजत दिए जाने से इनकार किया. इस मामले में बदायूं के बिसौली तहसील के धोरनपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी.याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था. एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत वाली याचिका को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी. अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिका में की गई मांग को गलत बताया और याचिका को खारिज कर दिया.
याचिका में हाईकोर्ट से कहा गया था कि मौलिक अधिकार के तहत लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत मिलनी चाहिए. जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार में कतई नहीं आता. लाउडस्पीकर की इजाजत के लिए कोई अन्य ठोस आधार नहीं दिए गए हैं. अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही अदालत ने याचिका में की गई मांग को गलत बताया और अजीज़् को खारिज किया.