नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग सोमवार, 14 मार्च से शुरू हो रहा है, जो 8 अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र के पहले चरण में 29 जनवरी से 11 फरवरी तक दो अलग-अलग पालियों में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही संचालित की गई थी. बहरहाल, इस बार कोविड-19 संबंधी हालात में काफी सुधार आने के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से साथ-साथ चलेगी. संसद के सत्र का दूसरा चरण विधानसभा चुनावों के नतीजों से फौरन बाद शुरु हो रहा है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी (्र्रक्क) ने सत्ता हासिल की है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करेंगी और सदन की कार्यवाही के दौरान इस पर चर्चा की जा सकती है. इसके अलावा बजटीय प्रस्तावों के लिए संसद की मंजूरी लेना सरकार के एजेंडा में शीर्ष पर होंगे. सरकार ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक को भी लोकसभा में विचार किये जाने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. इस दौरान विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है.
विपक्ष के मुद्दे
बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष, सरकार को बढ़ती बेरोजगारी, कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर में कटौती और यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी समेत कई मामलों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है. रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आवास पर कांग्रेस की संसदीय रणनीति समिति की बैठक की अध्यक्षता की और बजट सत्र के दौरान समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के समन्वय के साथ काम करने का फैसला किया.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, हमने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की. हम सत्र के दौरान जनहित से जुड़े अहम मुद्दों को उठाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय में काम करेंगे.