सखी मंडल से जुड़कर ग्रामीण क्षेत्र के महिला बनी आत्म निर्भर।
बागडेहरी (जामताड़ा ):सखी मंडल से जुड़कर ग्रामीण क्षेत्र के महिला बनी आत्म निर्माण। सखी मंडल से जुड़ने के बाद सैकड़ों महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ गई है। छोटे-छोटे घरेलू उद्योग स्थापित कर अच्छा खासा पैसा कमा रही है ।बताते चलें कि प्रखंड के गड़जुड़ी गांव के रहने वाली पायल सिंह ने सखी मंडल से जुड़ने के बाद आत्म निर्भर बनी। पायल सिंह 2018 में माँ सारदा आजीविका सखी मंडल में जुड़ी। उन्होंने सखी मंडल जुड़ने के बाद उसने अपने ही सुमह से पहली बार तीस हजार ऋण लेकर पैडल वाला दोना पत्तल का मशीन खरीदा। फिर पायल सिंह ने मशीन से दोना पत्तल बनाने लगी ।धीरे -धीरे उनका व्यापार पूरे प्रखंड क्षेत्र में फैल गया। जब पायल सिंह का पत्तल खरीदारी बढ़ने लगा तो उसने फिर समूह से पचास हजार ऋण लेकर इलेक्ट्रिक दोना पत्तल का मशीन खरीदी। जिससे वह रोजाना एक हजार पत्तल बनाती है। पायल सिंह ने कहा कि समूह से जुड़ने से पहले मैं एक घरेलू महिला थी और मेरा प्रत्येक दिन का आमदानी कुछ नहीं था। समूह से जुड़ने के बाद मैंने व्यवसाय करने के लिए समूह से ऋण लिया। जिससे में एक दोना पत्तल मशीन खरीदा । अब हमारी प्रत्येक दिन ₹500 आमदनी हो जाती है। मैं इसी उपार्जन से परिवार का भरण पोषण अच्छे से कर रही हूं। उन्होंने सखी मंडल दीदियों से अपील करते हुए कही की लग्न से अपना काम करें और उपार्जन करें।