नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करके लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है. जी हां.. भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है. इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती की उम्मीद की जा रही थी. वहीं आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है.आरबीआई के फैसले के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. दोपहर 11.30 बजे सेंसेक्स 113.43 अंकों की तेजी के साथ 40,963.72 पर और निफ्टी लगभग इसी समय 26.05 अंकों की तेजी के साथ 12,069.25 पर कारोबार कर रहे थे. लेकिन आरबीआई के ऐलान के बाद सेंसेक्स 40 अंक लुढ़क कर 40 हजार 800 के स्तर पर आ गया.इस साल अबतक पांच बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1.35 की कटौती की थी. इसका मतलब ये हुआ कि इस साल हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट की दर घटाई गई है. इससे पहले रेपो रेट में आखिरी कटौती 0.25 फीसदी की अक्टूबर 2019 में हुई थी.इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 फीसदी पर पहुंच गया. हालांकि उम्मीद के मुताबिक बैंकों ने ग्राहकों तक इसका फायदा नहीं पहुंचाया है. आस्ट्रेलिया की ब्रोकरेज कंपनी मक्वैरी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान बैंकों ने सिर्फ 0.29 फीसदी कटौती ही आगे ग्राहकों तक पहुंचाई है.आरबीआई ने फिर दी राहतकेंद्रीय बैंक आरबीआई रेपो रेट के आधार पर ही बैंकों को कर्ज देता है. रेपो रेट जितना कम होता है, बैंकों के लिए उतना ही फायदेमंद होता है. रेपो रेट कटौती होने के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनता है. आरबीआई हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट की समीक्षा करता है.