जामताड़ा: बीते दिनों नाला विधानसभा अंतर्गत नतुनडीह स्थित मैदान पर आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नाला विधायक सह झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख,श्रम मंत्री सत्यानन्द भोक्ता, जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी, पूर्व सांसद फूरकान अंसारी मौजूद रहे।इस कार्यक्रम की समीक्षा राष्ट्र संवाद के बिहार-झारखंड पश्चिम बंगाल प्रभारी निजाम खान को मजबूरन करना पड़ा।जब सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष भी अंधा,बहरा,गुंगा हो जाए तो पत्रकार को अपना कलम चलाना समाज के प्रति दायित्व बन जाता है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार गांव की सरकार है।गांव से चलेगी। किसानों के लिए क्या कहना किसानों के हित में कई योजनाओं का दावा किया गया। लेकिन अफसोस इस कार्यक्रम में नाला विधानसभा की जो सबसे बड़ी समस्या है उसके बारे एक शब्द भी नहीं सुना गया।नाला विधानसभा के जनताओं की रोजगार की बात की जाए तो कृषि के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लेकिन अजय बराज नहर एक गंभीर समस्या है।इसके बावजूद भी समस्या के समाधान के लिए एक शब्द भी नहीं सुनाईं दिया।और ना ही विपक्ष के लोग इस मुद्दा को लेकर सत्ता पक्ष पर कोई सवाल खड़ा किया।
अजय बराज नहर की समस्या: वर्ष 1975 में संयुक्त बिहार में अजय-बराज नहर के लिए 10.34 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी।अजय बराज नहर के निर्माण कार्य देर होने लगी।जिसके चलते योजना निर्माण के लिए लागत भी बढ़ता गया। वर्ष 2007 में 351.84 करोड़ रुपए पुनरीक्षित योजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिली। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अबतक इस योजना को पूरा करने लिए 353.47 करोड़ रुपए खर्च हो चुका है।पर आजतक किसानों के खेत सुखे रह गये है।आपको बता दें आजतक अजय बराज का पानी न तो कुंडहित प्रखंड का कालीपाथर, सगुनीबासा, जगन्नाथपुर,थालपोता, बिक्रमपुर, बागडेहरी, जनार्दनपुर,छोलाबेड़िया,मुड़ाबेड़िया, सालुका ,अंबा, रामपुर सहित आदि गांवों के किसानों के खेत तक एक बुंद भी पानी नहीं पहुंच पाया है।
नाला विधायक सह झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो का 6000 मिट्रिक टन क्षमता वाला 18 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे नाला प्रखंड के सलुका में कोल्ड स्टोरेज का उद्देश्य विफल होने की संभावना है। क्योंकि जब किसानों के फल और सब्जियों के उत्पादन के लिए सिंचाई का व्यावस्था नहीं है तो फल और सब्जियों कहां से उत्पादन होगा?जब फल और सब्जियों का उत्पादन नहीं होगा तब कोल्ड स्टोरेज में क्या रहेगा?ऐसे में इन तमाम बातों को जोड़कर देखा जाए तो मोटा-मोटी तौर पर यही कहा जा सकता है कि कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होना अच्छी बात है, लेकिन किसानों के लिए सिंचाई का उचित व्यवस्था भी तो होनी चाहिए।
अजय-बराज नहर में किसानों को नहीं मिलता है पानी,कई अधिकारी हैं तैनात: कितनी बड़ी विडंबना है कि अजय बराज नहर में कुंडहित के किसानों को पानी नहीं मिलता है। लेकिन इसमें कई एसडीओ,जेई , एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कार्यरत हैं।अब सवाल तो बनता है जब नहर से किसानों को पानी नहीं मिलता है तो फिर किस बात के लिए अधिकारी कार्यरत रहेंगे। कहीं-न-कहीं जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है।