स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के रूटीन टीकाकरण में भी समस्याएं आ रही हैं। सदर अस्पताल परिसर स्थित टीकाकरण केंद्र का संचालन केवल एक एएनएम के भरोसे हो रहा है। अगर आप यहां टीकाकरण के लिए आ रहे हैं तो हो सकता है आपको घंटों इंतजार करना पड़े। यहां औसतन रोजाना करीब 50 महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण होता है। टीकाकरण केंद्र में दो एएनएम की पदस्थापना है मगर उर्मिला देवी करीब डेढ़ साल से भी अधिक समय से अकेले ही पूरी व्यवस्था संभाल रही हैं। एक अन्य एएनएम को सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। इनका कहना है कि एक बच्चे को पांच इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। दवाओं के रखरखाव से लेकर रजिस्टर मेंटेन करने का काम भी खुद ही करना पड़ता है। सात से आठ घंटे कई बार लगातार काम करना पड़ता है। टीकाकरण के लिए पहुंचे लोग शोर मचाने लगते हैं, झगड़ा करने लगते हैं। यह सब झेलना पड़ता है। गुरुवार को बच्चों का टीकाकरण कराने पहुंचे माता-पिता ने भी देर तक इंतजार करने से होने वाली परेशानी बताई। पर्याप्त संख्या में टीकाकरण कर्मी यहां तैनात करने का विभाग से आग्रह किया। ताकि गर्भवती महिलाओं और छोटे मासूम बच्चों को लंबा इंतजार न करना पड़े। गौरतलब है कि लोहरदगा में रूटीन इम्यूनाइजेशन मे तमाम चुनौतियों के बावजूद उपलब्धि बढ़िया रही है। रूटीन इम्यूनाइजेशन की प्रभारी अधिकारी डा सुलामी हीरो का कहना है कि विभाग में कर्मचारियों की कमी है। इसलिए टीकाकरण केंद्र में कर्मचारियों की कमी दूर करना उनके बस की बात नहीं है। इसी में मैनेज करके काम चलाना है।