राष्ट्रकवि की जयंती पर बेगूसराय वासीयों ने “बेगूसराय वांट्स दिनकर विश्वविद्यालय” की मांग पर भरा हुंकार
छौड़ाही / बेगूसराय : बुधवार को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म जयंती पर पूरा विश्व उनको नमन और याद किया । वहीं बिहार के बेगूसराय में राष्ट्रकवि दिनकर के नाम पर विश्विद्यालय की स्थापना को लेकर लगातार कई वर्षों से उठने बाली आवाज भी देश भर में गूंजने लगी । बता दें कि हैश टैग बेगूसराय वांट्स दिनकर यूनिवर्सिटी ( #BegusaraiWantsDinkarUniversity ) को लेकर बेगूसराय के युवा ट्विटर पर गोलबंद होकर हजारों ट्वीट्स किये। बेगूसराय के युवाओं के द्वारा राष्ट्रकवि दिनकर जी के जयंती के शुभ अवसर पर दिन के नौ बजे से दो बजे तक मेगा ट्रेंड का आयोजन किया गया । इस ट्रेंड में बिहार भर के लोगों का रुझान दिखा । बिहार के बेगूसराय से उठने बाली आवाज को मुम्बई , दिल्ली , बंगलुरू , चेन्नई , रांची , लखनऊ , तमिनलाड़ू , अंडमान निकोबार देश के कोने कोने एवं विदेश सहित कई जगहों पर रहने बाले जिलावासियों नेता , ब्यूरोक्रेट्स , शिक्षाविद , पत्रकार ,छात्र नेता , बिजनेसमैन , आम छात्र , एक्टर , युवा सहित अन्य लोगों का समर्थन मिला ।
उच्च शिक्षा नाम पर सिर्फ एक कॉलेज में होती है पीजी की पढ़ाई : बिहार विधान सभा चुनाव 2020 से पहले बेगूसराय की राजनीति गर्म होनी शुरू हो चुकी है। इस बार बेगूसराय में नेताओं के द्वारा राजनीति या फिर बयानबाजी से नहीं बल्कि छात्र युवाओं की मांग ने बिहार सरकार को एकबार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। जिसके बाद से युवाओं ने सरकार पर बेगूसराय के साथ भेदभाव का आरोप लगाकर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर बेगूसराय में विश्वविद्यालय का मांग करना शुरू कर दिया है।
दरअसल ये कोई नया मांग नहीं है बल्कि कई छात्र संगठनों के द्वारा करीब दो दशक से उठाया जाने बाला मांग है जो अबतक पूरा न हो सका है। चुनाव से पहले उठे विश्वविद्यालय के मुद्दे ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खोखले वादों की पोल खोल दी है। बेगूसराय में उच्च शिक्षा के नाम पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से सम्बद्ध तीन वित्तरहित डिग्री कॉलेज और पांच अंगीभूत कॉलेज हैं, जिसमे से सिर्फ शहर के जीडी कॉलेज में मास्टर डिग्री की पढ़ाई होती है। बांकी सभी कॉलेजों में सिर्फ डिग्री यानि स्नातक तक की पढ़ाई होती है। वोकेशनल कोर्स की ही पढाई शुरू करने को लेकर तो आज तक चर्चा भी नहीं हुई है।