जेएनएसी में भारी वित्तीय अनियमितता राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन ने उठाई जांच की मांग, बताया करोड़ों का है घोटाला
जमशेदपुर :- जे एन ए सी में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई है. इस वित्तीय अनियमितता से वित्तीय घोटाले की बू आती है, और यह मामला बड़ी सरकारी राशि के गबन का है. इसकी जांच की मांग उठी है . राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन ने इस अनियमितता की जांच की मांग उठाई है. संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने डी डी त्रिपाठी के नेतृत्व में विशेष पदाधिकारी के नाम एक पत्र दिया है जिसमें इस पूरे घोटाले की जांच की मांग रखी गई है . जिसमें कहा गया है कि क्या जमशेदपुर अक्षेस भ्रष्टाचार का टकसाल है ? क्या अक्षेस की आड़ में टाटा स्टील और सरकार कोई गुप्त एजेंडा चला रही है ? संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए पूरे मामले में स्पष्टीकरण दिए जाने की मांग की है. प्रदेश अध्यक्ष डीडी त्रिपाठी ने बताया कि साल 1998 के सितंबर महीने के बाद से जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति का नियंत्रण सरकार के पास कैसे आ गया. उन्होंने बताया की अधिसूचित क्षेत्र समिति टाटा के संवेदक के रूप में काम करती थी. जिसका मुख्य काम टाटा कमांड एरिया में साफ-सफाई कराना और बदले में लगान वसूलना था, लेकिन सितंबर 1998 के बाद से अचानक यह विभाग सरकार के नियंत्रण में चला गया और इसके कर्मचारियों एवं अधिकारियों का खर्च टाटा प्रबंधन ना देकर सरकार देने लगी. वैसे उन्होंने पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर झारखंड बने 20 साल हो चुके हैं. इतने दिनों तक आखिर इसकी मांग क्यों नहीं उठी. फिलहाल डीडी त्रिपाठी के इस खुलासे के बाद सरकारी महकमे में हलचल तेज हो गई है. विशेष पदाधिकारी से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में डीडी तिवारी के अलावे मनोज अग्रवाल, राजकुमार वर्मा , उपेंद्र तिवारी , विजय सिंह , लैला तिवारी समेत अन्य लोग शामिल थे.