नयी दिल्ली.:नागरिकता कानून पर देश भर में मचे बवाल पर आज यानी रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं. वे लोग भ्रमित कर रहे हैं. भावनाओं को भड़का रहे हैं. उन्होंने विरोध करने वालों से कहा कि मैं इन लोगों को कहना चाहता हूं कि मोदी को देश की जनता ने बैठाया, ये अगर आपको पसंद नहीं है, तो आप मोदी को गाली दो, विरोध करो, मोदी का पुतला जलाओ. लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओं, गरीब की रिक्शा मत जलाओ, गरीब की झोपड़ी मत जलाओ.दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के चुने हुए सांसदों का सम्मान कीजिए. देश को दोनों सदनों ने नागरिकता कानून को पास किया है. आपके साथ मैं भी दोनों सदनों को प्रणाम करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं.उन्होंने कहा कि ये लोग किस तरह अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है. जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कहीं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में डालकर भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है.उन्होंने कहा कि आज जो लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए, योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कभी कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं.
नागरिकता कानून क्या है
नागरिकता कानून में संशोधन के बाद अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है. यानी 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा. नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित करता है.
9 दिसंबर को लोकसभा में और 11 दिसंबर को रास में CAB हुआ पास
गृह मंत्रालय अमित शाह द्वारा 9 दिसंबर, 2019 को नागरिकता विधेयक 2019 लोकसभा में पेश किया गया. लोकसभा में 311 के मुकाबले 80 वोटों से यह विधेयक पारित हो गया. नागरिकता संशोधन विधेयक को 11 दिसंबर को राज्यसभा में पेश किया गया और उच्च सदन में भी यह बिल 99 के मुकाबले 125 वोटों से पारित हो गया. बिल को 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, जिसके बाद अब यह कानून बन गया है.
कानून को लेकर विवाद
विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह एक धर्म विशेष के खिलाफ है. यह कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. बता दें अनुच्छेद 14 सभी को समानता की गारंटी देता है. विरोधियों का कहना है कि धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. यह कानून अवैध प्रवासियों को मुस्लिम और गैर-मुस्लिम में विभाजित करता है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश व पाकिस्तान के अलावा अन्य पड़ोसी देशों का जिक्र क्यों नहीं.