ओआरएस का घोल व जिंक की गोलियां डायरिया ग्रस्त बच्चों को लिए संजीवनी का काम करती हैं – डॉ रामकृष्ण
बछवाड़ा (बेगूसराय) : हर साल बहुत सारे पांच साल तक के बच्चे डायरिया की वजह से दम तोड़ रहे हैं। ओआरएस का घोल व जिंक की गोलियां डायरिया ग्रस्त बच्चों को लिए संजीवनी का काम करती हैं। ये बातें चिकित्सा प्रभारी डॉ रामकृष्ण ने आज से शरू हो रहे सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के शुभारंभ पर कही। पखवाड़े का शुभारंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया।बीसीएम शारदा कुमारी, पिरामल फाउंडेशन के शिवेन्द्र कुमार , यूनिसेफ के उदय कुमार भी उनके साथ थे। शिवेन्द्र कुमार द्वारा उपस्थित स्वस्थवकर्मी ओर ग्रामीण को सपथ दिलाया गया कि वे जिंक ओर ओआरएस का उपयोग कर अपने क्षेत्र से डायरिया को भगाएंगे।
16 सितंबर से 29 सितंबर तक पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। डॉ.रामकृष्ण ने बताया की प्रखंड में 5 साल तक के हर बच्चो का सर्वे कर जरूरत मन्द बच्चो तक जिंक ओर ओ आर एस पहुचाना है।
प्रखंड भर में सभी स्वास्थ केंद्र और अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र में जिंक ओ आर एस कार्नर बनाएं जाएंगे।
कार्यक्रम के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों का सूक्ष्म कार्यान्वयन व अनुश्रवण किया जायेगा. डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है. ओआरएस व जिंक के प्रयोग की समझ द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है. सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान डायरिया के रोकथाम के उपायों, डायरिया होने पर ओआरएस जिंक के प्रयोग, उचित पोषण व समुचित इलाज के पहलुओं पर क्रियान्वयन किया जायेगा.
लक्षित लाभार्थी समस्त पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे पांच वर्ष की उम्र तक के समस्त बच्चे जो पखवारे के दौरान दस्तरोग से ग्रसित हो।इन क्षेत्र पर दिया जायेगा विशेष जोर आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना व इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई , हाथ धोने के तरीके की जानकारी दी जायेगी. इसके साथ ही परिवार को इन बिंदुओं पर परामर्श दी जायेगी। जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाये. दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक की खुराक दो माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाये.
-जिंक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं. -दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, उपरी आहार तथा भोजन जारी रखा जाये। उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जायेगा ।पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पयेजल का उपयोग करें।ये लक्षण दिखाई देने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं
बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा हो पानी जैसा लगातार दस्त हो रहा हो बार-बार उल्टी हो रहा हो अत्याधिक प्यास लग रहा हो पानी न पी पान बुखार होना मल में खून आ रहा हो मौके पर नर्सिग स्टाफ ने ओआरएस का घोल तैयार करने तथा सावधानियों की जानकारी दी प्रभारी चिकित्सा प्रभारी द्वारा फीता काट कर ओरआरएस जिंक कार्नर का उद्घाटन किया।
इस मौके डी आई ओ डॉक्टर हरे राम सिंह , डाक्टर शशिभूषण पंडित , डाक्टर लक्षिता जयदेव , डब्लू एच ओ के अमित कुमार के अलावा अन्य कई अन्य ग्रामीण मौजूद थे।