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    Home » जब अफगान सैनिक ही नहीं लड़ते तो हम अपने बेटे-बेटियों को लड़ने क्‍यों भेजें:बाइडन
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    जब अफगान सैनिक ही नहीं लड़ते तो हम अपने बेटे-बेटियों को लड़ने क्‍यों भेजें:बाइडन

    Devanand SinghBy Devanand SinghAugust 18, 2021No Comments2 Mins Read
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    न्यूयार्क. अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो चुका है और अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी सवालों की जद में हैं. इस बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने जनता से कहा है कि अगर अफगानी सैनिक नहीं लड़ते तो मैं कितनी पीढ़ियों तक अमेरिकी बेटे-बेटियों को भेजता रहूं. उन्‍होंने कहा कि मेरा जवाब साफ है. मैं वो गलतियां नहीं दोहराऊंगा जो हम पहले कर चुके हैं.’दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले का बचाव करते हुए अफगान नेतृत्व को बिना किसी संघर्ष के तालिबान को सत्ता सौंपने के लिए जिम्मेदार ठहराया और साथ ही तालिबान को चेतावनी दी कि अगर उसने अमेरिकी कर्मियों पर हमला किया या देश में उनके अभियानों में बाधा पहुंचायी, तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा. बाइडन ने अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरों को अत्यंत परेशान करने वाली बताया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिक किसी ऐसे युद्ध में नहीं मर सकते जो अफगान बल अपने लिए लड़ना ही नहीं चाहते.उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं अपने फैसले के साथ पूरी तरह हूं. मैंने 20 वर्षों के बाद यह सीखा कि अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का कभी अच्छा समय नहीं आया, इसलिए हम अभी तक वहां थे. हम जोखिमों को लेकर स्पष्ट थे. हमने हर आकस्मिक स्थिति की योजना बनायी लेकिन मैंने अमेरिकी लोगों से हमेशा वादा किया कि मैं आपसे बिल्कुल स्पष्ट बात करूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि यह सब कुछ हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा जल्दी हुआ. तो, क्या हुआ? अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए. अफगान सेना पस्त हो गयी और वो भी लड़ने की कोशिश किए बिना. पिछले हफ्ते के घटनाक्रमों ने यह साबित कर दिया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की भागीदारी को खत्म करना सही फैसला है.’

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