अधिवक्ताओं की पेंशन योजना को और भी आकर्षक और प्रभावकारी बनायेंगे: राजेश शुक्ल
झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने कहा है कि झारखंड में अधिवक्ताओं के पेंशन योजना एवं पारिवारिक पेंशन योजना को और भी आकर्षक और प्रभावकारी बनाया जायेगा। कौंसिल ने पूर्व में ही पेंशन की राशि 7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया है। जिसका अनुपालन 2024 से कराने का प्रयास होंगा। राज्य सरकार ने भी कौंसिल द्वारा दिए जा रहे पेंशन की राशि के बराबर राशि संबंधित अधिवक्ता और उसके परिजनो को देने की घोषणा की थी। आशा है राज्य सरकार अपने घोषणा को मूर्त रूप देंगी।
श्री शुक्ल जो झारखंड स्टेट बार कौंसिल की पेंशन योजना के भी चेयरमैन है ने कहा है कि झारखंड एक मात्र ऐसा राज्य है जहां अधिवक्ताओं की पेंशन योजना अविराम गति से चल रही है। अधिवक्ताओं के स्वर्गवासी होने के बाद उनकी धर्मपत्नी को पेंशन का लाभ मिल रहा है।
श्री शुक्ल ने सभी स्तर के जिला ,अनुमंडल बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर पेंशन योजना का सदस्य अधिक से अधिक अधिवक्ताओं को बनाने का निर्देश जारी किया है। इस संबंध में अधिकांश बार एसोसिएशन में जिला स्तर पर पेंशन कमिटी भी बनाई गई है। जिसको और भी प्रभावी ढंग से काम करना है और अधिवक्ताओं को पेंशन योजना की जानकारी भी देनी है।
श्री शुक्ल ने कहा है कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहाँ सबसे अधिक अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं को कौंसिल के आंतरिक स्रोत से चलाया जाता है । राज्य सरकार ने भी घोषणाएं तो की है उसे अभी तक मूर्त रूप नही मिला है।
श्री शुक्ल ने आज पुनः झारखंड के राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन और झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को ईमेल भेजकर झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू कराने, राज्य सरकार की पूर्व की घोषणाओं का कार्यान्वयन कराने और राज्य सरकार के बजट में अधिवक्ता कल्याण के लिए निधि का आवंटन कराने की मांग को स्मरण कराते हुए इसके कार्यान्वयन की मांग किया है।
श्री शुक्ल ने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल को भी ईमेल की प्रति भेजकर झारखंड के अधिवक्ताओं और उनके परिजनों का सामुहिक बीमा कराने का आग्रह किया है। केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया को शुरू कराने की पूर्व में घोषणा भी की थी।