जब श्री राम का अभिषेक होता तब हमारे भीतर राम के आदर्श द्दढ़ हो जाते हैं। ये अवसर बड़े सौभाग्य से मिलता है:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अयोध्या के छठें दीपोत्सव में टूटा वर्ल्ड रिकॉर्ड, सरयू तट पर जगमगाए 15 लाख से ज्यादा दीये
पीएम मोदी ने की दीपोत्सव की शुरुआत, कहा- हम अमृतकाल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली की पूर्व संध्या पर रामजन्मभूमि अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब श्री राम का अभिषेक होता तब हमारे भीतर राम के आदर्श द्दढ़ हो जाते हैं। ये अवसर बड़े सौभाग्य से मिलता है। अयोध्या के कण-कण में श्री राम का दर्शन समाहित है। आज अयोध्या की रामलीलाओं, सरयू आरती, दीपोत्सव और रामायण पर शोध और अनुसंधान के माध्यम से यह दर्शन पूरे विश्व में प्रसारित हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि श्रीराम ने अपने शासन में जिन मूल्यों को गढ़ा वह ‘सबका साथ सबका विकास’ के मूलमंत्र की प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम जिस किसी भी भूमिका में रहे, उन्होंने कर्तव्यों के पालन का संदेश दिया। मोदी ने कहा कि राम भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयंसिद्ध हो जाते हैं। यही हमारे संविधान का भी संदेश है।
मोदी ने कहा कि एक समय था, जब देश में राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाये जाते थे। परिणाम यह हुआ कि हमारे प्राचीन नगर, धार्मिक स्थल बदहाल हो गये। उन्होंने कहा कि बीते आठ साल में हमने अपनी अस्मिता के प्रतीक चिन्हों का पुनरुद्धार कर देश ने हीन भावना की बेड़ियों को तोड़ा है।
पीएम मोदी ने अयोध्या की जनता से अपील करते हुए कहा कि अब अयोध्या आने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जायेगी, जैसे श्रीराम ने सभी को अपनाया वैसे ही अयोध्यावासी यहां आने वाले हर व्यक्ति को अपनायें। उन्होंने कहा कि अयोध्या की पहचान कर्तव्यनगरी के रूप में होनी चाहिये। पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की आकांक्षा लिए आगे बढ़ रहे हिंदुस्तानियों के लिए श्री राम के आदर्श उस प्रकाश स्तंभ की तरह हैं जो हमें कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का हौसला देंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पंच प्राणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी हुई है वह है भारत के नागरिकों का कर्तव्य और आज अयोध्या नगरी में दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है। उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृत काल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन, अपने विचारों और अपने शासन में जिन मूल्यों को गढ़ा है वह ‘सबका साथ, सबका विकास’ की प्रेरणा है और और ‘सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का आधार भी है।