पश्चिम बंगाल: नौकरी जाने और पुलिस कार्रवाई के विरोध में शिक्षकों ने भूख हड़ताल शुरू की
उच्चतम न्यायालय के, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को “दोषपूर्ण और भ्रष्ट” करार देने के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले कुछ शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी।
नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने कहा कि वे बुधवार को दक्षिण कोलकाता के कस्बा स्थित जिला निरीक्षक (डीआई) कार्यालय में पुलिस कार्रवाई का भी विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों में से एक ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, “हमने एक शिक्षक के साथ भूख हड़ताल शुरू की है और जल्द ही इस मुद्दे पर आगे का कार्यक्रम तय करेंगे।
प्रदर्शनकारी शिक्षक बुधवार रात से एसएससी कार्यालय के ‘आचार्य सदन’ भवन के बाहर धरना दे रहे हैं। वे नौकरी जाने और अपने साथियों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कसबा के डीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया, धक्का-मुक्की की और कुछ को लात भी मारी।
उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के वर्ष 2024 के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें 2016 में एसएससी द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था। न्यायालय ने पूरी चयन प्रक्रिया को “दोषपूर्ण और भ्रष्ट” करार दिया था। नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का कहना है कि उनकी इस स्थिति के लिए आयोग जिम्मेदार है, क्योंकि उसने यह फर्क नहीं किया कि किस अभ्यर्थी ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल की और किसने नहीं।