फ्लोरिडा. आखिरकार एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 28 घंटे बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है. आज 16 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 9:40 बजे इसने डॉकिंग की और 11:05 बजे हैच ओपन हुआ. ये स्पेसक्राफ्ट 9 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को पृथ्वी पर वापस लाएगा.
चार मेंबर की क्रू-10 टीम ने शनिवार को स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट से भारतीय समयानुसार सुबह करीब 4:30 बजे उड़ान भरी थी. केनेडी स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया गया था. क्रू-10 के स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद अब वहां मौजूद क्रू-9 के एस्ट्रोनॉट निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और अलेक्सांद्र गोरबुनोव ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में पृथ्वी पर लौटेंगे.
ये चारों एस्ट्रोनॉट 19 मार्च को स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौट सकते हैं.
क्रू-9 के एस्ट्रोनॉट निक हेग, अलेक्सांद्र गोरबुनोव, बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी पर लौटेंगे. फ्लोरिडा में समुद्र में इनके स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग होगी.
बोइंग के स्टारलाइनर में खराबी से 8 दिन की यात्रा 9 महीने की हो गई
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस स्टेशन गए थे. ये 8 दिन का मिशन था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण ऐसा नहीं हो सका. स्पेसक्राफ्ट को बिना क्रू के ही स्पेस स्टेशन से रवाना कर दिया गया. अब इन एस्ट्रोनॉट्स को वहां फंसे हुए करीब 9 महीने हो चुके हैं.
सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था?
सुनीता और बुच विलमोर बोइंग और नासा के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गए थे. इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं. उनके साथ गए बुच विलमोर इस मिशन के कमांडर थे. दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था. लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और ष्टश्वह्र टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था.
एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे. सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवल पर भेजे गए. इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था. फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे.
सुनीता और विलमोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए?
स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थीं. इनके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हुआ था. लॉन्च के बाद भी स्पेसक्राफ्ट में दिक्कतों की खबर आई.