चमोली. हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ बद्रीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए 27 अप्रैल को खुलेंगे. टिहरी जिले के नरेंद्र नगर स्थित टिहरी राजमहल में बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित एक धार्मिक समारोह में पंचांग गणना के पश्चात विधि-विधान से कपाट खुलने का मुहूर्त निकाला गया. श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति से मिली जानकारी के अनुसार बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रातः: 7:10 मिनट पर खोले जाएंगे.
चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट पिछले साल शीतकाल के लिए 19 नवंबर को बंद हुए थे. इस अवसर पर टिहरी राजपरिवार के सदस्यों सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी तथा संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. बदरीनाथ सहित चार धामों के सर्दियों में भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण उनके कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में खुलते हैं.
वहीं जोशीमठ भूधंसाव का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन कर रहे सभी तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप दी है, जबकि दरार वाले मकानों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होने तथा पानी का रिसाव कम होने से प्रशासन को राहत मिली है. प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में कार्यरत ज्यादातर तकनीकी संस्थानों का अध्ययन अभी चल रहा है, लेकिन उन सभी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है.
उन्होंने बताया कि सभी संस्थानों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद प्राधिकरण उससे एक अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा और उसके निष्कर्ष से सरकार को अवगत कराएगा. वहीं जोशीमठ में माह की शुरुआत में ताजा भूधंसाव सामने आने के बाद से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान तथा आईआईटी रूड़की जैसे संस्थान नगर का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन करने में जुटे हैं.