नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज डॉक्टरों से बात करते हुए बेहद भावुक हो गए. उन्होंने कोरोना वायरस की वजह से हुई मौतों पर दुख जताया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी. वे वाराणसी के डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को संबोधित कर रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमें कई मोर्चों पर एक साथ लडऩा पड़ रहा है, इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना ज्यादा है. मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहना भी पड़ रहा है. इन सबसे हमारे हेल्थ सिस्टम पर एक साथ बहुत बड़ा दबाव पैदा हो गया है.उन्होंने कहा कि बनारस तो वैसे भी सिफज़् काशी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल की स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र है. बिहार के भी कुछ हिस्से को लोग काशी पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर इतना दबाव बहुत बड़ी चुनौती बनकर आया. पिछले 7 सालों से यहां के हेल्थ सिस्टम को लेकर जो काम हुआ है, उसने हमारा बहुत साथ दिया है.
फिर भी यह आसाधारण परिस्थिति रही, हमारे डॉक्टर, हेल्थ वर्कर के इतने बड़े परिश्रम से ही इस दबाव को संभालना संभव हुआ है. आप सभी ने एक एक मरीज की जीवन रक्षा के लिए दिन रात काम किया, खुद की तकलीफ और आराम से ऊपर उठकर जी जान से जुटे रहे काम करते रहे. आपकी इस तपस्या से बनारस ने जिस तरह इतने कम समय में खुद को संभाला है, आज पूरे देश में उसकी चर्चा हो रही है.पीएम ने कहा कि महादेव की कृपा से बनारस आध्यात्मिक क्षमताओं से भरपूर शहर है, चाहे कोरोना की पहली लहर रही हो या दूसरी, यहां के लोगों ने धैर्य और सेवा का अदभुत परिचय दिया है. मेरी काशी के लोग, यहां के सामाजिक संगठन, मरीजों की, गरीबों की और बुजुर्गों की लगातार एक परिवार के सदस्य की तरह सेवा कर रहे हैं. किसी परिवार को खाने की चिंता न करनी पड़े, किसी गरीब को दवाओं की चिंता न करनी पड़े, काशी ने इसके लिए खुद को समर्पित कर दिया है. कई व्यापारियों ने तो खुद आगे आकर अपनी दुकानें बंद की ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके. इन सभी व्यापारी भाइयों ने अपने आर्थिक नुकसान की चिंता नहीं की बल्कि सेवा में लग गए.
उन्होंने कहा कि मां अन्नपूर्णा की नगरी काशी का यह सहज स्वभाव सेवा ही है, आपके तप से और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है. लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है. हमें अभी एक लंबी लड़ाई लडऩी है, अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों पर भी बहुत ध्यान देना है. अब हमारा मंत्र यही होगा जहां बीमार, वहीं उपचार.