घाटशिला कॉलेज में एनसीसी द्वारा तीन दिवसीय कारगिल विजय दिवस की हुई शुरुआत
1999 में लड़े गए इस युद्ध में 527 वीरों ने दी थी अपने प्राणों की आहुति: प्राचार्य
राष्ट्र संवाद संवाददाता
घाटशिला महाविद्यालय में एनसीसी इकाई द्वारा तीन दिवसीय कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती की शुरुआत एक संगोष्ठी कार्यक्रम से हुई। इसके लिए इतिहास विभाग में “कारगिल युद्ध के कारण और परिणाम” विषय पर संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वायु सेना के मोहम्मद जावेद ‘शौर्य चक्र’ तथा सम्मानित अतिथि रूप में मानद कैप्टन धानो टुडू एवं पूर्व हवलदार सुरेश बास्के शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने की।
इस मौके पर मुख्य अतिथि शौर्य चक्र मोहम्मद जावेद ने अपने संबोधन में कहा कि वे खुद इस युद्ध में भारतीय वायुसेना की ओर से तैनात थे। कारगिल विजय दिवस भारतीय सेवा के द्वारा 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में हासिल की गई जीत की याद में मनाया जाता है। यह युद्ध भारत और पाकिस्तान की आर्मी के बीच 1999 में हुआ था।
राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर इंदल पासवान ने संगोष्ठी में विषय प्रवेश करवाते हुए कहा कि कारगिल की लड़ाई जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में मई से जुलाई के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में हुई थी। इस लड़ाई की जीत के उपलक्ष में पूरे देश में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान के साथ हुई इस लड़ाई में हमारे भारतीय जवानों ने ऐसी शौर्य की मिसाल पेश की जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गई। इस युद्ध में 527 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, वहीं पाकिस्तान के कईं हजार सैनिक मारे गए थे। इस युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा, योगेंद्र सिंह यादव, मनोज पांडे जिन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ कुमार विशाल ने बताया कि इस लड़ाई की शुरुआत 3 मई, 1999 को ही हो गई थी, जब पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5000 से भी ज्यादा सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। भारत सरकार को जब इस घुसपैठ की जानकारी मिली तो पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया था, जिसमें भारत की बड़ी जीत हुई।
संगोष्ठी कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट महेश्वर प्रमाणिक ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता ने किया। इस मौके पर डा. संदीप चंद्रा, प्रोफेसर विकास मुंडा, मानिक मार्डी, शंकर महाली सहित काफी संख्या में एनसीसी कैडेट्स और विद्यार्थी उपस्थित रहे।