अशोक कुमार ठाकुर की रिपोर्ट।
तेघरा (बेगूसराय)
इस वर्ष सर्वाधिक वर्षा की वजह से तेघरा प्रखंड के पूर्वी उत्तरी मुशहरी,गौरा, धनकौल, पकठौल,चिल्हाय,नोनपुर चौर व प्रखंड के मध्य पूर्वी दक्षिणी फुलवरिया 3, बरियारपुर, शोकहारा आदि क्षेत्रों के खेती की निचले हिस्से चौर के हजारों एकड़ मैं भारी जलजमाव के कारण रवि की बुवाई पर ग्रहण लग गया है। चौर में जमें पानी की वजह से आज वर्तमान मैं नदी का परिदृश्य का रूप धारण किया हुआ है। इसको लेकर किसानों में भारी मायूसी एवं निराशा का आलम व्याप्त है। प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी एवं उत्तरी भाग में बह रही बलान नदी में अब तक पानी का जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है। हथिया नक्षत्र में खेती के ऊपरी हिस्से की खेतों में मक्का ,दलहन, तिलहन जौ, हरा चारा आदि की बुवाई होती थी। 15 दिन पूर्व हथिया नक्षत्र की बारिश ने किसानों को खेती की तैयारी तक नहीं करने दी। इधर किसान खेती की तैयारी की मूड में आई तो 2 दिनों से हो रही चित्रा नक्षत्र की भारी वर्षा ने पुण: खेतों में जलजमाव एवं भारी गिला मिट्टी होने से दलहन तिलहन की वोआई का आस समाप्त हो गया । स्थानीय किसानों ने बताया कि चौर के पानी का बहाव बलान नदी में होता था। इस बार नदी में पानी भरे होने की वजह से पानी का निकासी की संभावना नहीं दिख रही है। ऊपर से लगातार बारिश की वजह से चौर की खेतों में पानी घटने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। चौर में जलजमाव के कारण दलहन व तिलहन की खेती तो नहीं हो सकी अब एक मात्र सहारा गेहूं उत्पादन था उस पर भी गंभीर संकट व्याप्त हो गई है। मुसहरी के किसान सह उप मुखिया गिरीश कुमार राय, पैक्स अध्यक्ष रामविलास राय, गौरा के किसान रामाधार राय, अरविंद ठाकुर, मुन्ना चौधरी, धनकौल के किसान राम कुमार चौरसिया, नोनपुर के रामचरित्र महतों, बैजनाथ महतो आदि ने बताया कि इस वर्ष भारी बारिश के कारण खरीफ की फसल पहले ही नष्ट हो चुका है।लोगों का मात्र एक आशा रवि की बुवाई से है इसमें भारी जलजमाव के कारण रबी की बुवाई भी प्रभावित होने से किसान चिंतित है। किसानों ने प्रशासन से खरीफ की क्षतिपूर्ति देने की मांग की है इधर दर्जनों किसानों ने प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की गुहार लगाई है । किसानों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि तत्काल इस ओर कदम नहीं उठाए गए तो किसानों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। और मवेशियों की चारा व्यवस्थापन पर भी संकट का बादल मर्डराया हुआ है।