सरायकेला की राजनीति में भूचाल! सचिन महतो और पूरी जिला कमेटी ने छोड़ा आजसू, थामा झामुमो का हाथ
राष्ट्र संवाद संवाददाता
संजय कुमार
सरायकेला जिले की राजनीति में उथल-पुथल मचाते हुए आजसू पार्टी के जिला अध्यक्ष सचिन महतो ने शुक्रवार को एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पूरी जिला कमेटी के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल होने का फैसला किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आवास पर हुई इस बड़ी राजनीतिक घटना में सरायकेला आजसू जिला अध्यक्ष सचिन महतो सहित जिला कमिटी के कई सदस्यों का झामुमो का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया. एनडीए खेमे को हिला कर रख दिया है।
बताया जा रहा है कि इस ट्रांसफर में सचिन महतो को झामुमो में शामिल करने में लालटू महतो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ये वही लालटू महतो हैं, जिन्होंने कुछ ही दिन पहले आजसू युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सत्री सिंह की कमेटी के साथ झामुमो का दामन थामा था। इससे एनडीए के कद्दावर नेता सकते में हैं, क्योंकि कुड़मी समुदाय के दोनों प्रमुख नेता अब झामुमो की ओर रुख कर चुके हैं।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आजसू एनडीए के लिए ये बड़ा धक्का ईचागढ़ विधान सभा आजसू पार्टी के लिए साबित होगा .आजसू गठबंधन प्रत्याशी हरे लाल महतो की परेशानियां बढ़ सकती है.कुरमी जाति के वोटर झामुमो की ओर रुख कर सकते है जो हार – जीत की दिशा तय करेंगे. झामुमो को इस समर्थन से न केवल ईचागढ़ , बल्कि पूरे सराइकेला जिला में मजबूत पकड़ मिलने की उम्मीद है। खासकर ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में कुड़मी समुदाय के बीच झामुमो की छवि और मजबूत हो रही है। एनडीए के “एनडीए” और “इंडिया” में टकराव के बीच, ये नए राजनीतिक समीकरण विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरायकेला की राजनीति में और कौन से नए मोड़ आते हैं, लेकिन इतना तय है कि सचिन महतो और लालटू महतो का झामुमो में जाना एनडीए आजसू गठबंधन के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाला है जिसकी गूंज पूरे कोल्हान में होने वाले चुनाव में दिखाई देगा ?