रतन कुमार की रिपोर्ट
खुटौना (मधुबनी) । लौकहा-झंझारपुर रेल परिचालन ठप होने से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश और मायूसी है । पूर्व मध्य रेलवे का यह रेल रूट 1976 में चालू किया गया था । इससे लोगों को आवागमन की सुविधा और रोजगार भी मिलता था । पढ़ाई, इलाज और व्यापार के लिए बहुत लोग बड़े शहर जाने के लिए रेलवे को अन्य परिवहन सुविधा से सस्ता, । लेकिन 2017 में अमान-परिवर्तन के लिए इस रेल रूट को बंद कर दिया गया था । तब से इसके फिर से चालू होने का इन्तजार है । नवटोली के प्रो सूर्य नारायण कामत, स्थानीय बाजार के उदय कुमार, राजेश कुमार, प्रिंस कुमार, राजीव कुमार, दीपक कुमार और सुशील कुमार, गजहरा के तारकेश्वर मंडल, प्रो दयाकान्त झा और शान्तिनाथ झा तथा सोनमत्ती के अरुण कुमार सिंह, दिनेश सिंह, शंभू सिंह, बैद्यनाथ राम तथा योगेन्द्र राम समेत अन्य लोग कहते हैं कि रेल रूट के बंद होने से क्षेत्र के लोगों को बहुत फजीहत झेलनी पड़ती है । उन्हें अपनी यात्रा सवारी बदल-बदल कर करनी पड़ती है । इससे जहां भारी परेशानी होती है वहीं समय और पैसों की भी बर्बादी होती है । करीब चार वर्षों से रेल परिचालन की बाट जोह रहे लोगों में विभाग की ओर से कोई खास पहल नहीं किये जाने से भारी मायूसी है । चर्चा है कि इस रूट का काम करवाने के लिए राशि का अभाव है । इसलिए परिचालन शुरू करवाने के लिए स्थानीय एमपी आरपी मंडल से भी आग्रह किया जा चुका है । श्री मंडल ने इस रूट पर काम करवाने के लिए रेल मंत्रालय से 250 करोड़ रुपए आवंटित किये जाने की जानकारी दी है । उन्होंने बताया है कि इसी रूट पड़नेवाले महरैल रेलवे स्टेशन का काम करीब 80 प्रतिशत और वाचश्पतिनगर स्टेशन का काम करीब 60 प्रतिशत पूरा करवाया जा चुका है । उन्होंने आशा व्यक्त की है कि 2024 तक रेल परिचालन शुरू हो जाएगा ।