लोकसभा में बोले PM मोदी’तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं..’
अदाणी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में संग्राम के बाद प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है, हम इच्छाशक्ति से सुधार कर रहे हैं।
संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ थैंक्स के दौरान विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं और यह मेरा सौभाग्य रहा है कि पहले भी कई बार उनके अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार धन्यवाद के साथ उनका अभिनंदन भी करना चाहता हूं। राष्ट्रपति ने अपने दूरदर्शी संबोधन में हमारा और करोड़ों भारतीयों का मार्गदर्शन किया। गणतंत्र के प्रमुख के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक होने के साथ-साथ देश की बेटियों और बहनों के लिए प्रेरक भी है।
राष्ट्रपति ने आदिवासी समुदाय का गौरव बढ़ाया है। आज आजादी के कई सालों के बाद आदिवासी समुदाय में गर्व की भावना है और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। यह देश और सदन इसके लिए उनका आभारी है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक करके विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए जमकर निशाना भी साधा।
PM मोदी ने इशारों में राहुल गांधी पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “इस चर्चा में सबने हिस्सा लिया और सबने अपने-अपने आंकड़े, तर्क दिए और अपनी रुचि , प्रवृत्ति, प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखीं। जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता, समझ और किसका क्या इरादा है। मैं कल देख रहा था कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम और समर्थक उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे ये हुई न बात, शायद नींद भी अच्छी आई होगी। शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है…ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।”
जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और सोच दिखाया
जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है ये भी दिखाई दी है। जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया। बाद में पत्र लिखकर खुद को बचाने का प्रयास किया गया।
भारत को लेकर पूरी दुनिया में पॉजिटिविटी, आशा और भरोषा
G20 की अध्यक्षता और भारत की उपलब्धियों के बारे में बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि “100 साल में आई यह भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बटां हुआ विश्व और इस संकट के माहौल में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है। आज पूरी दुनिया में भारत को लेकर पॉजिटिविटी, आशा, भरोसा है। ये खुशी की बात है कि आज भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। ये देश और 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे कुछ लोगों को दुख है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं। कई देश युद्ध के कारण अस्थिरता से पीड़ित हैं। हमारे पड़ोसी सहित कई अन्य लोग मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और खाद्य सुरक्षा की कमी का सामना कर रहे हैं। मुश्किल समय के बीच भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।”
निराशा में डूबे कुछ लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे देश का विकास
विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “लगभग तीन दशकों तक भारत में राजनीतिक अस्थिरता रही। आज हमारे पास एक स्थिर और निर्णायक सरकार है। निर्णायक सरकार हमेशा देश के हित में निर्णय लेने का साहस रखती है। पिछले 9 साल में 90,000 स्टार्टअप सामने आए हैं। स्टार्टअप्स में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देखती है। निराशा में डूबे कुछ लोग इस देश के विकास को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। वे लोगों की उपलब्धियों को देखने में विफल रहते हैं। ये निराशा ऐसे नहीं आई, इस निराशा के पीछे कारण है, एक तो 2004 से 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई, इस पर निराशा नहीं होगी तो क्या होगी। 10 साल में महंगाई डबल डिजिट रही इसलिए अगर कुछ अच्छा होता है तो निराशा और उभर कर आती है।